नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल में गंगा कोसी नदियां विकराल रूप अख्तियार कर चुकी है. दोनों नदियां अलार्मिंग स्टेज में आ चुकी है. गंगा अलार्मिंग स्टेज से महज 51 सेंटीमीटर नीचे बह रही है तो कोसी की भी कमोबेश यही स्थिति है. ऐसी स्थिति में दो जगहों पर अभी भी जल संसाधन विभाग द्वारा स्थाई कटाव निरोधी कार्य किया जा रहा है. बिहपुर के गुवारीडीह में कई जगहों पर जिओ बैग फिसल जाने के बाद विभाग द्वारा मरम्मत कार्य शुरु किया गया है तो जाह्नवी चौक से लेकर इस्माइलपुर तक बम रहे बांध का निर्माण कार्य इस वर्ष भी पूरा नहीं हो सका. मालूम हो कि यहां पर तीन वर्ष से जल संसाधन विभाग द्वारा बांध निर्माण किया जा रहा है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष अभी तक 48 फीसदी कार्य ही हो पाया है. हालांकि विभाग ने दावा किया है कि इस वर्ष भले ही बांध निर्माण कार्य पूरा न हो लेकिन लोगों को बाढ़ से बचाया जाएगा. इधर रंगरा के मंदरौनी, खरीक के ढोढ़ीया में कटाव निरोधी कार्य पूर्ण कर लिया गया है तो गंगा तटीय क्षेत्र इस्माइलपुर में भी कटाव निरोधी कार्य पूरा कर लिया गया है.

अतिप्रभावी है मानसून – कहीं बिगड़ न जाये खेल

इस बार मानसून शुरुआत से ही अतिप्रभावी है. पिछले वर्षों से तुलना करें तो पता चलता है गंगा कोसी का जल स्तर एक साथ नहीं बढ़ता था. पहले कोसी के जल स्तर में बढ़ोतरी होती थी फिर गंगा विकराल हो जाती थी. लेकिन इस बार गंगा कोसी एक साथ भयावह रूप अख्तियार कर रही है. उपर से रह रह कर हो रही वर्षा से कई तटबंधों पर जल स्तर का अत्यधिक प्रेशर हो जाने की संभावना है. जानकारों की मानें तो इस बार खरीक के गंगा तटीय खैरपुर से लेकर राघोपुर बांध की स्थिति कई जगहों पर अच्छी नहीं है. लत्तीपुर नरकटिया बांध पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अत्यधिक दबाव की संभावना है जबकि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में बांधों की स्थिति अच्छी है. ग्रामीणों के अनुसार नारायणपुर में भी कोसी तटबंधों की स्थिति अच्छी नहीं है. जबकि खरीक के कोसी तटीय तटबंधों की सम्यक निगरानी की आवश्यकता है.

 

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जगह जगह सामग्रियों को किया गया है एकत्रित

जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि दोनों नदियों के जल स्तर में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई है. विभाग द्वारा गंगा कोसी नदियों के पास समान रूप से बचाव कार्य करने के लिए सामग्रियों को एकत्रित किया गया है. प्रत्येक महत्वपूर्ण जगहों पर पदाधिकारियों और कर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है. किस भी विपरीत स्थिति का सामना करने के लिए जल संसाधन विभाग तैयार है.