नारायणपुर: भवानीपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में कलयुगी पुत्र व पुत्रवधू द्वारा माता पिता को जहर दिए जाने के बाद सोमवार की सुबह वृद्धा उमा देवी की भी मौत हो गई. मालूम हो कि जहर खाने के तुरंत बाद वृद्ध हरिलाल मंडल की मौत हो गई थी. सोमवार को भवानीपुर पुलिस द्वारा दोनों शवों का पोस्टमार्टम नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में कराया गया फिर दोनों शवों को परिजनों के हवाले किया गया है. इस मामले में आक्रोशित हुए ग्रामीणों ने भवानीपुर ओपी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए देर शाम भवानीपुर थाने के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबों को रखकर जाम कर दिया.

मामला पुत्र और पुत्र वधू द्वारा जहर खिलाई जाने का : दूसरे दिन वृद्धा की भी मौत

– ग्रामीणों का आरोप पुलिस ने की लापरवाही

– नवगछिया के एसडीपीओ पहुंचे घटनास्थल पर ध्रुव मंडल के घर से सल्फास की गोलियां बरामद

– पुलिस ने ध्रुव मंडल और उसकी पत्नी मंजू देवी को किया गिरफ्तार

मृतक वृद्ध दंपत्ति के पुत्र गौतम कुमार मंडल का कहना था कि देर रात पुलिस ने उल्टे उसकी ही पिटाई कर दी. गौतम का कहना था कि उसकी मां करीब 16 घंटे तक जीवित रहे लेकिन पुलिस ने उसका फर्द बयान भी नहीं लिया और ना ही इलाज के लिए जाने दिया. सुबह जब स्थिति काफी गंभीर हो गई तो वृद्धा को लेकर वे लोग जेएलएनएमसीएच मायागंज जा रहे थे कि रास्ते में ही वृद्धा की मौत हो गई. मौके पर पहुंचे बिहपुर सर्किल के इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार के समझाने बुझाने के बाद ग्रामीणों ने जाम समाप्त किया. इधर भवानीपुर पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी पुत्र ध्रुव कुमार मंडल और उसकी पत्नी मंजू देवी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है.

घटना की जांच करने गांव पहुंची पुलिस

सोमवार को नवगछिया के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रवेंद्र कुमार भारती नए गांव पहुंचकर मामले की तहकीकात की है. पुलिस की छानबीन में ग्रुप मंडल के घर से एक पॉलिथीन में कुछ सल्फास की गोलियां बरामद की गई. जानकारी मिली है कि सल्फर अनाज को कीटनाशकों से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है जबकि इसका प्रयोग अगर किसी व्यक्ति पर किया जाए तो निश्चित ही उसकी मृत्यु हो जाती है.

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अपने छोटे बेटे के साथ रहते थे वृद्ध दंपत्ति

जानकारी मिली है कि वृद्ध दंपत्ति हरिलाल और उसकी पत्नी उमा देवी अपने छोटे बेटे गौतम कुमार मंडल के साथ रहते थे. मृतक की चंद्रिका देवी रेखा देवी और देवकी देवी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वह लोग देर रात ही नारायणपुर शाहपुर पहुंच चुके थे. उसके पिता की मौत हो गई थी और उसकी मां अब तक जीवित थी हालांकि उनकी हालत गंभीर थी लेकिन वह बातचीत कर रही थी. तीनों पुत्रों ने बताया कि उनके माता-पिता अपने छोटे पुत्र गौतम कुमार के साथ रहते थे. तीनो पुत्रियों ने कहा कि गंभीर अवस्था में उनकी मां उमा देवी ने उन तीनों को बताया कि रविवार को दोपहर दोनों मजदूरी करने गए हुए थे. दोपहर बाद दोनों घर खाना खाने के लिए आए थे. घर में खाना रखा हुआ था और दोनों को काफी भूख भी लगी थी इसलिए दोनों ने बिना किसी शक संदेह के खाना खा लिया.

खाना खाने के 1 घंटे के अंदर दोनों की स्थिति खराब होने लगी तब जाकर आसपास के लोगों और पुत्र गौतम को सूचना दी गई तो उस समय पता चला कि दाल में ज़हर मिलाया गया था. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उमा देवी गंभीर अवस्था में बार-बार कह रही थी कि दाल का स्वाद उन्हें खराब लग रहा था लेकिन उसको लग रहा था कि दोपहर हो गई है और दाल सुबह का ही बना हुआ है इसलिए दाल का स्वाद खराब हो गया होगा और उसने बिना किसी शक के दाल को चावल के साथ मिलाकर खा लिया. ग्रामीण अवधेश, मंडल जयप्रकाश मंडल, सुंदर मंडल, प्रमोद आजाद ने बताया कि एक कट्ठा जमीन को लेकर विवाद था. जिसके कारण ध्रुव कुमार मंडल और उसकी पत्नी मंजू देवी अक्सर वृद्ध दंपत्ति को पीटते भी थे. जानकारी मिली है कि ग्रामीणों और तीनो पुत्रियों ने अपना बयान पुलिस के समक्ष भी दर्ज करवाया है.

बसोबासी जमीन को लेकर था विवाद

ग्रामीणों ने बताया कि वृद्ध हरि मंडल ने 2 कट्ठा जमीन कबाला लिया था तो एक कट्ठा जमीन उसे भूदान में मिली थी. 2 कट्ठा जमीन को पूर्व में ही उसके बड़े पुत्र ध्रुव कुमार मंडल ने कब्जा कर अपना घर बना लिया था तो एक कट्ठा जमीन पर हरि मंडल और उसका दूसरा पुत्र गौतम कुमार मंडल का पूरा परिवार रहता था. ध्रुव कुमार मंडल इस जगत में था कि वह एक कट्ठा जमीन को भी अपने कब्जे में ले ले जिसके लिए ना तो हरी मंडल तैयार थे और ना ही गौतम कुमार तैयार थे. गौतम का कहना था कि अगर वह एक कट्ठा जमीन भी अपने भाई को दे देगा तो फिर वह रहेगा कहां और उसका पूरा परिवार माता-पिता कहां जाएंगे. गौतम कुमार ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पटना से लेकर नवगछिया तक के कई पदाधिकारियों का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसके साथ अब तक न्याय नहीं हुआ.

कहते हैं एसडीपीओ

नवगछिया के एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने कहा कि देर शाम तक परिजनों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया था. हालांकि पुलिस ने अपने स्तर से कार्यवाही की है. अगर आवेदन दिया जाएगा तो कार्यवाही की जाएगी.