भगवान धनवंतरी की चार भुजाये हैं | ऊपर की दोनों भुजाओं में शंख व चक्र लिए हुए हैं | बाकि दो और भुजाओं में जलुका जड़ी बूटी यानि की औषधिया दुसरे हाथ में अमृत कलश लिए हुए हैं | पंडित श्रीराम पाठक  ने बतायाकि इनको पीतल बहुत ही पसंद हैं इनकी यह प्रिय धातु हैं | इसीलिए धनतेरस को लोग पीतल की धातुओं को ख़रीदते है लेकिन जैसे – जैसे समय बदलता गया वैसे –वैसे ही चीजों की खरीदारी में भी बदलाव आता गया | अब ज्यादातर लोग सोना चांदी ख़रीदते हैं | पीतल की वस्तुओं को जल्दी कोई नहीं खरीदता लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए जो हमारे शाश्त्रों में लिखा है उसको बदला नहीं जा सकता |

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पीतल का महत्व

>धनतेरस के दिन पीतल की वस्तुओं को जरुर ख़रीदे |

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>पीतल आप को 13 गुना फल देता हैं |

>पीतल की नयी धातु को भगवान धनवंतरी को भेट करें |

>इस दिन पीतल की कोई भी छोटी ही सही धातु जरुर लाये | और देखिये भगवान धनवंतरी किस तरह से आप की किस्मत को बदल देते है |

शुभ मुहूर्त

पंडित श्रीराम पाठक ने बताया कि भगवान धनवंतरी की पूजा की तिथि दिन दोनों ही शुभ लग्न में हैं । 28 अक्तूबर दिन शुक्रवार हैं ।

> 27 अक्तूबर को त्रयोदशी तिथि प्रारंभ,शाम 4:15 से

> 28 अक्तूबर को त्रयोदशी तिथि समाप्त,शाम 6:20 बजे, 2016

>भगवान धनवंतरी के पूजन मुर्हुत,शाम 5:35 बजे से 6:20 बजे तक

> धनतेरस को जब प्रदोष काल ,शाम 5:35 से रात 8:11 बजे तक

> वृषभ काल ,शाम 6:35 बजे से रात 8:20 बजे तक

पंडित श्रीराम पाठक बताते हैं कि सोना-चांदी आप की सेहत का खास ध्यान रखते हैं । इसीलिए धनतेरस पर चाँदी की खरीदारी बहुत ही अच्छी हैं ।

चांदी खरीदना शुभ होता हैं

पंडित श्रीराम पाठक ने कहा कि धनतेरस के दिन सभी लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, धनतेरस के दिन जैसे पीतल की धातु को खरीदना जरुरी है वैसे ही इस खास दिन चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक होता हैं और चन्द्रमा शीतलता का मानक है, पंडित श्रीराम पाठक ने कहा कि तभी धनतेरस के दिन चाँदी खरीदने से मन में संतोष धन की प्राप्ति होती हैं । क्योंकि जिसके पास संतोष है वो ही सही मायने में स्वस्थ, सुखी और धनवान व्यक्ति होता है। इससे बड़ा सुख नहीं होता किसी पास जरुरी हैं कि हम सभी लोग अपने हर पर्व को बहुत ही धूम धाम मनाये । और देखों ईश्वर की कृपा कैसे बरसती हैं ।