नवगछिया : नवगछिया न्यायालय कांड में दो लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद तीसरे दिन पुलिस मामले में पुलिस की गतिविधि सामान्य रही. हालांकि घटना के बाद से पुलिस न्यायालय की सुरक्षा के प्रति चौकस हो गयी है. दिन में न्यायालय में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की जा रही है तो दूसरी तरफ रात में भी न्यायालय की सुरक्षा बढ़ायी गयी है. बीएमपी के एक सेक्शन फोर्स को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया.

दो गार्ड को रात्रि में स्थायी प्रतिनियुक्ति की गयी है तो दूसरी तरफ दो लाठी पाठी जवानों को भी गश्त में लगाया गया है. जानकारी मिली है कि होमगार्ड जवानों के एक सेक्शन को रात्रि में न्यायालय की सुरक्षा में लगाया गया है. तीसरे दिन मामले में पुलिस की किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से लोगों को लग रहा है कि मामला ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाये. आम लोगों ने कहा है कि पुलिस को अब तक सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज देना चाहिए था. इधर पुलिस मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान का दावा कर रही है. पुलिस का कहना है कि इस कांड में अन्य अपराधियों के नाम भी सामने आ चुके हैं, जल्द ही सबों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

जिला जज से मिली एसपी

नवगछिया एसपी निधि रानी ने बुधवार को जिला जल से मुलाकात कर न्यायालय कांड के बारे में विस्तार से पुलिस की बातों को रखा है. नवगछिया की एसपी ने जानकारी देते हुए कहा है कि न्यायालय कांड के अलावे अन्य मामलों पर भी चरचा की गयी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जायेगा और सभी अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जायेगा.

Whatsapp group Join

जितनी मुंह उनती चरचा, लेकिन अब तक क्या जला कोई नहीं बता रहा

न्यायालय में आगजनी की घटना के बाबत न्यायालय परिसर में विगत तीन दिनों से चरचा का बाजार गर्म रहता है. जितने मुंह उतनी बातें की जा रही है. कोई कह रहा है कि वैसे अभिलेख जाला दिये गये हैं जो निष्पदित हो गये थे. यानी जिनमें सजा मुकर्रर हो चुकी थी. कुछ लोगों का कहना है कि वैसे अभिलेख जलाये गये जो हियरिंग पर थे. लोगों की चरचा में कई नामों का भी जिक्र खुले आम किया जा रहा है. हालांकि लोगों की बात सच हो गया झूठ लेकिन पुलिस पहले ही कह चुकी है कि इस कांड में अपराधियों का मकसद भय का माहौल पैदा करना था. आमलोगों और न्यायिक पदाधिकारियों को खौफजदा करना था.

चरचा तो इस बात की भी है कि जिन न्यायालय के चैबरों और कार्यालयों में चोरी, आगजनी की गयी है वैसे कमरों के दरवाजे को तोड़ा नहीं गया है कि बल्कि चाभी से खोला गया है. अपराधियों की जुटानी न्यायालय के पास ही एक भवन में हुई थी इस बात की चरचा भी लोगों के जुबान पर है. सच क्या और झूठ क्या ? यह पक्के तौर पर कोई नहीं बता पा रहा है. लेकिन इतना जरूर तय है कि पुलिस इस न्यायालय कांड की सच्चाई से भली भांती अवगत हो चुकी है तो कई उंची रसूख रखने वाले लोग पुलिस को मनमाफिक दिशा देने की मंशा में हैं.