भागलपुर में शनिवार की सुबह नए साल मनाने निकले तीन दोस्तों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद मृतकों के घरों में नव वर्ष की खुशी मातम में बदल गई। मृतक मसूद आलम के पिता रसीद आलम के आंख से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा। बस एक ही बात बार-बार कह रहें- ‘बेटा को पढ़ा लिखाकर उसे इंजीनियर बनाने का सपना था, मौत के बाद अब सपना अधूरा रह गया।’ रसीद आलम ने बताया कि दो बेटी है और एक बेटा था।

वहीं दूसरी और स्नोखर बाजार में झालमुरी का दुकान चलाने वाले सहदेव महतो ने बताया कि दो बेटे था। बड़ा बेटा चंदन और छोटा बेटा मोनू दोनों बेटा को गांव से शहर भागलपुर भेजा था। पढ़ाई करने और लॉज में रहकर कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा था।

चाहता था सरकारी नौकरी लग जायेगा तो झालमुरी बेचना बन्द करके एक अच्छी जिंदगी बिताने की उम्मीद थी। अब मोनू की सड़क हादसे में मौत के बाद उम्मीद भी मर गई। ये कह कर वो रोने लगें।