नवगछिया : नवगछिया व्यवहार न्यायालय में अपराधियों द्वारा उपद्रव आगजनी और कंप्यूटरों की चोरी किए जाने के मामले के 20 दिन बीत जाने के बाद भी इस कांड के रहस्य पर अभी तक पर्दा बरकरार है. मालूम हो कि पुलिस ने अब तक इस कांड में घटना के दूसरे दिन ही दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

– अब चर्चा में है बात कई तरह की फाइलों को अपराधियों ने जलाया था

– अब सामने आ रही बात : 4 वर्ष पहले भी अपराधियों ने कर लिया था न्यायालय के कंप्यूटर की चोरी

उस समय पुलिस ने दावा किया था कि अपराधियों ने घटना को अंजाम दहशत फैलाने के नियत से दिया है. अगर आंख मूंदकर पुलिस के इन बातों पर विश्वास कर लिया जाए तो फिर कई सवाल खड़े होते हैं जिसका पुलिस के पास अब तक कोई जवाब नहीं है.

किस तरह के अभिलेख चले इसका अभी तक पता नहीं

अभी तक यह भी पता नहीं चल पाया है कि न्यायालय के विभिन्न कार्यालयों में अपराधियों द्वारा किए गए आगजनी में कौन-कौन से अभिलेख चल गए थे. हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि न्यायालय प्रशासन को पूरी तरह से पता है कि किस तरह के अभिलेख जले थे और इस बात से पुलिस को भी अवगत करा दिया गया है. बात यहां तक सामने आई है कि जले अभिलेख को पुनर्स्थापित करने के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सूत्रों ने बताया कि अपराधियों ने कई अभिलेख फूंक दिए थे, जिस कारण यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर इस घटना के पीछे किन मास्टरमाइंड अपराधियों का हाथ है. बात यह भी सामने आई है क्या अनुसंधान में करी दर करी मिला लेने के बाद भी पुलिस अभिलेखों पर आकर अटक जाती है. अभिलेख ज्यादा रहने से पुलिस को परेशानी सामने आ रही है.

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एक पुलिस पदाधिकारी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि निश्चित रूप से अपराधियों ने कुछ खास अभिलेखों को टारगेट किया था लेकिन अपराधी इतने ज्यादा शापित है कि उन्होंने पुलिस के अनुसंधान को उलझाने के लिए अन्य अभिलेखों को भी फूंक डाला. निश्चित रूप से पुलिस के लिए इस कांड का उद्भेदन करना एक चुनौती है. पुलिस इस कांड का उद्भेदन कर पाती है या नहीं कर पाती है या भविष्य के गर्भ में है. दूसरी तरफ नवगछिया में हम लोग न्यायालय कांड को धीरे-धीरे भूलने लगे हैं. राजनीतिक पार्टियों के लोग भी अब कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.

बात अब आई है सामने 4 साल पूर्व में भी हुई थी न्यायालय में कंप्यूटर की चोरी

नवगछिया कचहरी परिसर के अंदर खाने में अब एक बात की चर्चा आम हो रही है कि 4 वर्ष पहले भी नवगछिया न्यायालय के एक कार्यालय से कंप्यूटर की चोरी कर ली गई थी. जानकारी मिली है कि इस मामले में नवगछिया थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. लेकिन इस मामले में किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि बात यह भी सामने आई है कि कंप्यूटर के कुछ पार्ट्स पुनः लौटा दे ही दिए गए थे.

लेकिन कुछ जरूरी सामान अभी तक नहीं मिल पाए हैं. व्यवहार न्यायालय के कई अधिवक्ताओं ने बताया कि अगर पुलिस उस समय इस मामले में सख्ती से पेश आती तो निश्चित रूप से आज इस तरह की घटना सामने नहीं आती. न्यायालय कांड के अनुसंधान और नवगछिया के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रसाद ने बताया कि मामले में अनुसंधान चल रहा है जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा.