भागलपुर : खेसर ओपी में पदस्थापित एसआइ अरुण सिंह ने रविवार को सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली. उनका पैतृक घर वैशाली जिले के थाना जुड़ावनपुर अंतर्गत राघोपुर गांव है. उन्होंने रविवार दोपहर 12 से एक बजे के बीच सल्फास खा लिया था. इसके बाद खेसर ओपी अध्यक्ष प्रमोद साह को मोबाइल पर कॉल कर बताया कि सर मैंने सल्फास खा लिया है, अब मैं जिंदा नहीं रहूंगा. उस समय ओपी अध्यक्ष मध्यगिरी डैम में छठ घाट तैयारी का निरीक्षण कर रहे थे.

एसआइ का कॉल आते ही थानाध्यक्ष उनके आवास पर पहुंचे, जहां देखा कि सल्फास का डिब्बा पड़ा हुआ है और एसआइ की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है. इसके बाद स्वयं ओपी अध्यक्ष ने आनन-फानन में उनको फुल्लीडुमर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां प्राथमिकी उपचार के बाद गंभीर हालत देखते हुए उन्हें जेएनएनएमसीएच रेफर कर दिया गया. जेएनएनएमसीएच पहुंचने के दौरान ही उनकी मौत हो गयी. मायागंज में चिकित्सक ने देखते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया.

जिला व अन्य थाने से भी कई पुलिस अधिकारी मायागंज पहुंचे. इधर उनकी मौत के कारणाें को लेकर दिन भर कई तरह की चर्चाएं होती रही.

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पुत्री को प्रताड़ित किये जाने से थे आजिज
बताया जाता है कि विगत कई वर्षों से एसआइ पारिवारिक तनाव झेल रहे थे. उनकी एक पुत्री ज्योति की शादी डोमाखांड़ में हुई है. कहा जा रहा है कि उनकी पुत्री को ससुराल पक्ष वाले प्रताड़ित कर रहे थे. इसी बात से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. वहीं खेसर ओपी के पुलिस अधिकारी इस आत्महत्या को अन्य रंग देकर हार्ट अटैक से मौत की तरफ मोड़ने में जुटे हुए हैं. ज्ञात हो कि एसआइ अरुण सिंह आठ वर्षों से जिले में पुलिस अधिकारी के रूप में अलग-अलग थाने में कार्यरत रहे हैं.

वे लंबे समय तक बांका थाने में भी रहे. उन्होंने रजौन के बाद खेसर में योगदान दिया. दारोगा अरुण कुमार सिंह ने विगत 27 दिसंबर 2017 को खेसर ओपी में बतौर जेएसआइ का पदभार संभाला था. इसके बाद से ही वह काफी डिप्रेशन में चल रहे थे. हालांकि मामले में लोगों के बीच विभागीय परेशानी की भी चर्चा चल रही थी. मामले में पुलिस दारोगा के द्वारा लिखे गये सुसाइड नोट के होने की आशंका की भी जांच कर रही है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे प्रकरण की हकीकत का पता चल पायेगा.