पटना: अब क्षेत्र बदल-बदल कर रेल अपराध करने वाले अपराधी भी रेल पुलिस की गिरफ्त में आसानी से आ सकेंगे। पूरे देश में रेल अपराध में संलिप्त अपराधियों का पूरा रिकार्ड अब एक एप में समाहित होगा। आरपीएफ की ओर से उनकी सॉफ्टवेयर टीम द्वारा इस एप का निर्माण किया जा रहा है। इस एप को एक खास कोड से संचालित किया जाएगा। कोड का दुरुपयोग न हो इसके लिए सारे थानाध्यक्षों एवं उनके अधिकारियों को ही इसकी जानकारी दी जाएगी। इस एप से रेल पुलिस के साथ ही जिला पुलिस को भी काफी फायदा मिलेगा। सभी तरह की एजेंसियों द्वारा पकड़े गए अपराधियों का पूरा ब्योरा होगा।
इस संबंध में शनिवार को रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने विशेष बातचीत के दौरान बताया कि पहले दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, विशखापतनम आदि किसी भी स्टेशन पर ट्रेनों में अथवा स्टेशन परिसर में अपराध करने वाले अपराधी अपना क्षेत्र बदल-बदल कर अपराध संचालित करते थे। इसके कारण वे लंबे समय तक रेल पुलिस की गिरफ्त से बचे रह जाते थे। वैसे अपराधियों का आपराधिक रिकार्ड दूसरे शहरों के रेल थानों को नहीं मिल पाता था। इससे भी अधिक परेशानी आरपीएफ व जीआरपी थाने में गिरफ्तार अपराधियों का रिकार्ड खंगालने में परेशानी होती थी।
अब आरपीएफ, जीआरपी व नारकोटिक्स के साथ ही अन्य एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए अपराधियों का पूरा रिकार्ड एक ही एप में डालने की कोशिश की जा रही है। किसी भी एजेंसी द्वारा पकड़े गए अपराधियों अथवा उनके क्षेत्र में होने वाले अपराध की पूरी जानकारी इस एप में रखी जाएगी। किसी भी घटना के बाद कोई भी एजेंसी इस एप में जाकर अपराध करने के तरीके के आधार पर भी संबंधित अपराधी तक पहुंच सकेगी।
अगर वह अपराधी देश के किसी भी कोने में जेल गया होगा तो उसका सारा रिकार्ड इस एप में मिल जाएगा। आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि दिसंबर माह में यह एप पूरी तरह तैयार हो जाएगा। आरपीएफ की आईटी सेल के साथ ही कई विशेषज्ञ इसे तैयार करने में जुटे हैं। दिसंबर माह में ही देश भर के सारे मंडलों से आरपीएफ अधिकारियों के साथ ही सभी रेल पुलिस अधीक्षकों व उनके वरीय अधिकारियों की बैठक दिल्ली में आयोजित की गई है। इसी बैठक में इस एप की घोषणा की जाएगी।