नवगछिया: डीजीपी सुबह पटना से कैपिटल एक्सप्रेस से नवगछिया पहुंचे। वहां से पैदल ही बाजार होते हुए गौशाला रोड तक पहुचे वहां से बाइक को रोककर मोटरसाइकिल से नवगछिया थाना पहुंचे। उनके साथ मे सिविल में एक डीआईजी थे। वहां से रंगरा ओपी पहुचे।

नवगछिया में उन्होंने सिविल ड्रेस में नवगछिया, रंगरा, महिला, एससी एसटी आदि थाने का निरीक्षण किया। इस दौरान कई पदाधिकारियों पर गाज गिरी।

डीजीपी ने थानेदारों को हड़काते हुए कहे

बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने एसएसपी कार्यालय में अपराध और लॉ एंड आर्डर की समीक्षा करने के बाद कहे कि एसएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे अपराधियों पर टूट पड़े। उन्होंने कहा कि अपराध में जिस जाति के भी लोग शामिल हों, उन्हें किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।

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डीजीपी ने थानेदारों को हड़काते हुए कहा कि वे अवैध वसूली और शराब माफियाओं के सांठगांठ के बारे में सोचें तक नहीं। यदि किसी भी थानेदार या अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता इन धंधों में पता चल गई तो उन्हें किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। अलीगंज में 19 अप्रैल को छात्रा पर हुए एसिड अटैक मामले में डीजीपी ने पूरी पड़ताल बारीकी से पूरी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने हाल ही में शहर में घटित कुछ आपराधिक मामले के बारे में एसएसपी आशीष भारती से जानकारी ली।

डीजीपी ने इसके अलावा एसएसपी को कई और निर्देश दिया है। सभी डीएसपी और एसडीपीओ को भी डीजीपी ने अपने अपने इलाके में सक्रिय रहने को कहा है। बड़े अपराधियों का डाटा तैयार कर उनपर टूट जाने को कहा है। लंबित वारंट, कुर्की, सहित कांड निष्पादन में तेजी लाने को कहा है। क्राइम मीटिंग में डीआईजी विकास वैभव, एसएसपी आशीष भारती, सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज, सिटी डीएसपी राजवंश सिंह, लॉ एंड आर्डर डीएसपी निसार अहमद शाह, ट्रैफिक डीएसपी रत्न किशोर झा सहित सभी शहरी थानेदार व सर्किल इंस्पेक्टर मौजूद थे। इसके बाद वे बांका चले गए।

सिपाही हूं, आरा से आया हूं, एक केस में पैरवी करानी है
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपने चिरपरिचित अंदाज में गुरुवार की अल सुबह पांच बजे अचानक नवगछिया आ धमके। कैपिटल एक्सप्रेस से नवगछिया स्टेशन उतरकर डीजीपी सबसे पहले जीआरपी थाने गए। वहां पहुंच कर पूछा, नवगछिया थाना किधर है। इसके बाद अपना बैग और बॉडीगार्ड वहीं छोड़कर पैदल ही सिविल ड्रेस में निकल गए। स्टेशन से नवगछिया थाने की दूरी 1.5 किमी है। रास्ते में लोगों से थाने का पता पूछते हुए डीजीपी आगे बढ़ते गए। बीच में एक बाइक सवार ताइक्वांडो का राष्ट्रीय खिलाड़ी जेम्स मिला, उसकी बाइक पर बैठ कर नवगछिया थाने पहुंचे। वहां चौकीदार कुर्सी पर बैठकर नीम के दातुन से मुंह धोता मिला।

चौकीदार के समीप खड़े होकर डीजीपी बोले, भइया, सिपाही हूं, आरा जिले से आया हूँ, एक केस में पैरवी करानी है, कैसे होगा, कितने पैसे लगेंगे और कहां देना होगा। कुर्सी पर बैठे-बैठे चौकीदार बोला, बड़ा बाबू को आने दीजिए। इसके बाद उन्होंने एक ग्लास पानी मागा। वहां बैठे एक एक युवक प्रदीप यादव से थाना आने का कारण पूछा।

चौसा के उक्त युवक ने बताया कि मेरा तीन दिनों पूर्व चौसा के मुरली चौक से अपहरण हो गया था, मैं अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भाग कर यहां पहुंचा हूं। इसपर डीजीपी ने मधेपुरा एसपी संजय शर्मा को मोबाइल लगाया और जानकारी दी कि आपके यहाँ से अपह्रत युवक नवगछिया में टहल रहा है। इसी बीच पत्रकारों की भीड़ थाने पहुंच गई। यह देख थाने के पुलिस कर्मियों को यह समझते देर नहीं लगी कि खुद को सिपाही बताने वाला यह शख्स बिहार का डीजीपी है। इसके बाद तो मानो सभी पुलिस कर्मियों को सांप सूंघ गया हो। सभी डीजीपी की आवोभगत में लग गए। डीजीपी ने पत्रकारों से एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती को फोन लगाने को कहा।

तब डीजीपी थाना परिसर में स्थित महिला थाने की तरफ बढ़ गए। महिला थाने का गेट लगा देख बोले, ऐसे थाने की क्या जरूरत है। अंदर जाकर स्टेशन डायरी चेक किया, जो 46 घण्टे से पेंडिंग मिली। यहां से निकलकर एसएसटी थाने पहुंचे। यहां भी डायरी 16 घण्टे से पेंडिंग थी। नवगछिया थाने की स्टेशन डायरी भी 16 घण्टे पेंडिंग मिली। जबकि स्टेशन डायरी को हर दो घण्टे में अपडेट करना होता है। तीनों थानों की स्टेशन डायरी को जब्त कर लिया गया। इस बीच सूचना पर एसपी निधि रानी आ पहुंची।

एसपी को साथ लेकर डीजीपी रंगरा ओपी पहुंचे। यहॉ कार्य में कोताही सामने आने पर बड़ी कार्रवाई करते हुए थानेदार प्रमोद साह से लेकर सिपाही तक को एक साथ निलंबित कर दिया। डीजीपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। बता दें कि रंगरा ओपी इलाके में मक्का व्यवसायियों से पिछले एक माह में लूट की दो बड़ी घटनाएं हुई थी, जिसमें एक व्यवसायी से 4 लाख और दूसरे से 14 लाख रुपये की लूट हुई थी। दोनों ही मामलों में कोई रिकवरी नहीं हुई है।