नवगछिया – नवगछिया में राज्य सरकार द्वारा घोषित किये गए लॉक डाउन के पहले दिन कोई खास असर देखने को नहीं मिला. लॉक डाउन के पहले दिन चाय, नाश्ता, घुपचुप, आइसक्रीम, रिचार्ज और पान की दुकानें भी खुली रही. जिले में 13 जुलाई से ही लॉक डाउन घोषित है. इसलिये नवगछिया बाजार में उपरोक्त दुकानें खुलने के बाद भी दिन भर भीड़ नहीं दिखी लेकिन शाम में नवगछिया बाजार पूरी तरह से गुलजार था. न कोई देखने वाला और न ही कोई टोकने वाला.

90 फीसदी लोग लगाने लगे हैं मास्क

नवगछिया में पिछले दिनों चलाये गए सघन मास्क चेकिंग अभियान और एक के बाद एक कोरोना पॉजीटिव मामले सामने आने के बाद शहर में 90 फीसदी लोग मास्क लगाने लगाने लगे हैं. नवगछिया के लोगो ने कहा कि कोरोना काल में छोटे एवं मझोले व्यवसायियों को वयापक नुकसान हो रहा है. ऐसा नहीं कि इनलोगों को कोरोना से डर नहीं लगता लेकिन कमाएंगे नहीं तो खाएंगे क्या ? लेकिन मास्क पहनना जरूरी है लोग पहन भी रहे हैं.

कोरोना होएतै त हुए दहौ, लेकिन कमैबै न त राती बच्चा भुखले सूती जेतै

नवगछिया मक्खातकिया पर एक ठेले पर अपना व्यवसाय करने वाले दुकानदार से जब पूछा गया कि क्यों कोरोना फैला रहे हैं, दुकानदार का जवाब था वे किसी को बुला नहीं रहे जिसको मन है आये और मेरे पकौड़े की खरीददारी करे, मन नहीं है तो वे किसी को घर बुलाने कहां जा रहे हैं. दुकानदार से फिर पूछा गया कोरोना से आपको डर नहीं लगता है ? दुकानदार काफी गंभीर हो गया और एक पल चुप रह कर गवई भाषा में उत्तर दिया ” कोरोना होएतै त हुए दहौ, लेकिन कमैबै न त राती बच्चा भुखले सूती जेतै” इसके बाद न तो कोई सवाल था और न ही कोई जवाब.

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कहते हैं थानाध्यक्ष

नवगछिया के थानाध्यक्ष हरी शंकर कश्यप ने कहा कि लॉक डाउन का पालन नवगछिया शहर में सख्ती से कराया जाएगा. लेकिन आम लोगों और शहर के बुद्धिजीवियों को भी अपनी जवाबदेही तय करनी होगी.