नवगछिया – नवगछिया शहर के सील डाउन होने के बाद यहां के स्थानीय लोगों को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होम डिलीवरी की व्यवस्था अब तक सुदृढ़ नहीं होने से एक तरफ लोग रोजमर्रा की चीजों से वंचित है तो दूसरी तरफ सबसे बड़ी समस्या दूध और पानी की है. शहर के जिन घरों में छोटे बच्चे हैं उनमें 50 फ़ीसदी लोगों के घर दूधवाले नहीं पहुंच पा रहे हैं तो दूसरी तरफ नवगछिया शहर 90 फ़ीसदी लोग पेयजल के लिए डब्बाबंद पानी पर आश्रित है. ना तो लोगों को दूध मिल पा रहा है और ना ही पीने का पानी. मजबूरी में लोग दूषित जल पीने को विवश हैं. सूखा दूध की मांग बढ़ गयी है.

राशन के सामानों की समुचित रूप से नहीं हो पा रही है होम डिलीवरी

शहरी क्षेत्र में कई दुकानों को लोगों के घरों पर खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने का आदेश मिलने के बाद भी समुचित रूप से पूरे शहर में खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. हालांकि दुकानदारों ने लोगों को घर तक सामान पहुंचाने का भरसक प्रयास किया. लेकिन वे सभी लोगों को सामान पहुंचाने में असमर्थ रहे. पूजा ट्रेडिंग के संचालक ने बताया कि उनके दुकान से बुधवार को महज 22 उपभोक्ताओं के सामानों की ही होम डिलीवरी संभव हो पायी. उनके पास 4 परमिट है जिसके सहारे वे होम डिलीवरी कर रहे हैं.

दूध की किल्लत को देखते हुए वे सूखा दूध की मांग को प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं. कई लोगों ने अपने घरों पर सिर्फ सूखे दूध की मांग की. संचालक ने बताया कि सभी किराना स्टोर का क्षेत्र अलग अलग कर दिया गया है लेकिन पूरे नवगछिया के लोग किसी भी दुकान में फोन कर होम डिलीवरी की मांग कर रहे हैं. इससे परेशानी हो रही है. किराना दुकान संचालकों को मोटरसाइकिल का पास नहीं दिया गया है जिसके कारण भी होम डिलीवरी करने में परेशानी होती है. एक आर्डर को पूरा करने में ही एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है. दूसरी तरफ दवाई की डिलीवरी ससमय हो जा रही है और स्थिति ठीक-ठाक है.

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मात्रा कम रहने पर नहीं हो पा रही है होम डिलीवरी

नवगछिया में कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि मात्रा कम रहने के कारण उन लोगों की होम डिलीवरी नहीं हो पाई. उपभोक्ताओं ने बताया कि दुकानदारों का कहना है कि 25- 50 किलो चावल आटा लेने पर वे लोग तुरंत होम डिलीवरी कर देंगे. खासकर वैसे लोगों को सामानों की काफी परेशानी हो रही है जिन लोगों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है. तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी किराना दुकान के संचालक हैं जो प्राथमिकता के तौर पर कम सामग्री मांग करने वालों को ही सामग्री की आपूर्ति कर रहे हैं. बुधवार को एक किराना संचालक के यहां एक ऐसे उपभोक्ता ने भी फोन किया जिन्हें महज आधा किलो चावल ढाई सौ ग्राम दाल और एक सौ ग्राम करू तेल, ढाई सौ ग्राम प्याज और मसाला लेना था. दुकानदार ने पूछा की लॉक डाउन में आप इतना कम सामान ले रहे हैं फिर आपको लेना ही पड़ेगा तो उपभोक्ता ने कहा उनके पास पैसे नहीं है कुल मिलाकर उनके पास में ₹100 हैं जिससे उन्हें राशन के सामानों की आपूर्ति करनी है.

दुकानदार ने अपनी आपबीती बताते हुए और अपना नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि उनकी आंखें नम हो गई और उन्होंने ज्यादा मात्रा में सामानों की होम डिलीवरी की. दुकानदार ने बताया कि जहां वे होम डिलीवरी करने गए उनके घर की स्थिति कुछ ठीक-ठाक नहीं थी चार बच्चे थे और एक दंपत्ति. पूछने पर पता चला कि घर का मालिक दैनिक रूप से मजदूरी करता है और वह इस आस में है कि उसे सरकारी स्तर पर राशन मिल जाएगा तो उन्हें सिर्फ मसाला और तेल का इंतजाम करना पड़ेगा और उनके घर में दोनों समय भोजन बनना शुरू हो जाएगा. दुकानदार ने कहा कि इस बात से तसल्ली हुई कि उस वार्ड में सरकारी स्तर का राशन बांटना शुरू हो गया है जिसमें उक्त मजदूर का भी नाम है.

हेलो 4 किलो चीनी भेजी दीहौ

– ऑर्डर देकर कर लिया मोबाइल स्विच ऑफ

किराना दुकानों का हेल्पलाइन जारी होने के बाद कुछ शरारती तत्व सक्रिय हो गए हैं. एक किराना दुकानदार ने बताया कि उन्हें एक फोन आया और फोन करने वाले ने कहा कि जल्दी से 4 किलो चिन्नी भेजी दीहौ. उक्त व्यक्ति के बताए हुए पते पर जब हुआ पहुंचा तो पता चला वह व्यक्ति काफी संभ्रांत है और आर्डर देने वाले का मोबाइल बंद है. किराना दुकान के लड़कों को यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति का नाम लेकर किसी दूसरे ने ही बेवजह 4 किलो चीनी का ऑर्डर दे दिया जबकि उक्त व्यक्ति को चीनी की कोई जरूरत ही नहीं थी. दुकानदारों ने कहा कि अगर आगे से कोई इस तरह का व्यक्ति उन लोगों को परेशान करेगा तो हुए थानाध्यक्ष को नंबर दे देंगे.

कहते हैं एसडीओ

नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि दूध की आपूर्ति के लिए कुल 55 लोग विक्रेताओं को पास दिया गया है. दूसरी तरफ डब्बा बंद पानी का कारोबार करने वालों को भी परमिट दिया गया है. राशन सामग्री की होम डिलीवरी गुरुवार से और ज्यादा सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाएगा. अब तक चार सब्जी विक्रेताओं को भी घर-घर सब्जी देने का परमिट दिया जा चुका है.