नवगछिया : खगड़ा में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के चौथे दिन सुबह प्रवचन करते हुए श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि अहंकार को त्यागें। अहंकारी मानव की रक्षा कोई नहीं करता है। यहां तक कि किसी संत या ईश्वर को भी जब अंहकार होता है, ईश्वर उन्हें भी छोड़ देते हैं।

इसके अलावा आधी-अधूरी जानकारी वाले लोगों से परहेज करें। क्योंकि ऐसे लोगों को ब्रह्मा जी भी नहीं समझा सकते। आगमानंद जी ने भगवान राम सहित चारों भाइयों की बाल लीला की चर्चा की। इस दौरान ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां गीत पर सभी झूम उठे।

आगमानंद जी ने कहा कि बड़े भाग मानुष तनु पावा। सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा। इस बात का सभी को ध्यान देने की जरूरत है। स्वामी आगमानंद जी ने गंगा की चर्चा करते हुए कहा कि यह पवित्र नदी हमेशा अपनी धारा बदलती है। भागलपुर होकर जो गंगा बहती है वह जाह्नवी कही जाती है। यज्ञ में भागलपुर, नवगछिया, बांका आदि जगहों ने भक्तों ने आशीर्वाद लिया।