नवगछिया : कोरोना और प्रकृति के कहर ने नवगछिया के किसानों को दस वर्ष पीछे कर दिया है. फसल कोई भी हो किसानों के लिये आज के समय मे फायदेमंद नहीं रहा. दोहरी मार झेल रहे किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. हरी सब्जियों से लेकर मक्का, केला, गेंहू के किसानों की हालत भी दयनीय है. आंधी वर्षा के कारण आम लीची एवं केले की फसल भी बर्बाद हो चुकी है. आंधी बारिश में आम लीची की फसल झाड़ गए हैं तो केले के पेड़ भी खेतों में गिर गए हैं. फसल बर्बाद होने से किसान अपनी किश्मत पर रोना रो रहे हैं. लोकडॉन काल मे सब्जी की खेती करने वाले किसानों का भी हाल खस्ताहाल है. सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बाजार नहीं नहीं मिलने से सब्जियों का रेट भी नहीं मिल रहा है. किसानों की उपज होने वाली सब्जी बाहर की मंडी नहीं जाने से किसानों को ओनेपोने भाव मे सब्जी बेचनी पड़ रही हैं. इस कारण किसानों को भाड़ी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

– केले आम व लीची का बड़ा हब है नवगछिया

केले आम व लीची का एक बड़ा सेंटर नवगछिया है. नवगछिया में हजरों एकड़ में किसान इन फसलों को उपज करते हैं. लेकिन आंधी वर्षा में फसल बर्बाद हो जाने के कारण किसान आंशू बहाने को विवश हैं. किसान बंटी चौधरी, राजमंगल चौधरी, बिजेंद्र शर्मा आदि कहते है कि इस वर्ष आम लीची व केले की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई. पूर्व में आई आंधी में मक्के की फसल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी थी. आम लीची की फसल के बर्बाद होने से हम लोग पूरी तरह से लूट गए हैं. लौकडॉन की यही स्थिति रही तो जो कुछ फसल बागान में बचा है वह भी बाजार नहीं मिलने से बर्बाद हो जाएगा. किसानों ने कहा कि आम लीची की फसल को तैयार करने में लाखों रुपये उसकी धुलाई में खर्च हो चुके है. अब एस लग रहा है कि धुलाई में लगे पैसे आना भी मुश्किल है.

– नहीं आ रहे है व्यापारी, जो थे वे भी चले गए

किसानों का कहना है कि अब तक लीची के बागान में लीची खरीद करने के लिए व्यापारियों की लाइन लगानी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार अब तक कोई व्यापारी गतिविधि नहीं कर रहे हैं. लोकडॉन एवं तेज आंधी वर्षा के कारण जो कोई व्यापारी संपर्क में भी थे वे स्थिति को देखते हुए संपर्क नहीं कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि हर वर्ष नवगछिया में लीची आम का पांच करोड़ से अधिक का कारोबार होता था, लेकिन इस बार किसान की फसल भी बर्बाद हो गई और बाजार का भी खस्ता हाल है.

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– बाजार की मार झेल रहे है सब्जी किसान

सब्जियों की खेती भी नवगछिया में बड़े पैमाने पर होती है. गंगा एवं कोसी दियरा ईलाके में परबल, करेला, फुट, ककड़ी, तरबूज, भिंडी, बैगन, कद्दू पपीता आदि का अत्यधिक पैदावार होता है. लेकिन इस बार लोकडॉन मे बाजार नहीं मिलने से किसानों की किस्मत पर पानी फिर गया है. बाजार नहीं मिलने से किसानों को न तो भाव मिल रहा है न ही इसकी सप्लाई हो पा रही है. किसानों की सब्जी हर दी बर्बाद हो रही है.