नवगछिया : विक्रमशिला पुल पहुंच पथ की सहायक सड़क तेतरी जहान्वी चौक 14 नंबर सड़क पानी के दबाव से 50 फीट ध्वस्त हो जाने के बाद सड़क के साथ बहे टेंपो व बेलोरो बरामद नहीं हो पाया. एसडीआरएफ की टीम के द्वारा लगातार तीन दिनों तक वाहनो की तलाश के बाद सफलता नहीं मिलने के बाद चौथे दिन शनिवार को प्रशासन स्तर से वाहनों की खोजबीन बंद कर दी गई. हालांकि नवगछिया सीओ विद्यानंद राय का दावा है कि सर्च अभियान जारी है. जबकि तेतरी के मुखिया ने कहा कि शनिवार को सर्च अभियान बंद था. ग्रामीणों का भी यही कहना है कि शनिवार को कलबलिया धार में एसडीआरएफ के जवानों को नहीं देखा गया. सड़क के साथ बहे टेम्पो व बेलोरो को बिना पानी से बाहर निकाले एसडीआरएफ की टीम को वहां से हटा लिए जाने की चर्चा है.

मालूम हो कि बुधवार की अहले सुबह सड़क ध्वस्त होने के साथ दोनों वाहन कलबलिया धार में बह गया था. सड़क के साथ दोनों वाहनों के बह जाने के बाद प्रशासन स्तर से दोनों वाहनों की खोजबीन कराई जा रही थी. वाहनों की खोजबीन के दौरान सड़क ध्वस्त होने के बाद दूसरे दिन एसडीआरएफ की टीम परबत्ता थाना क्षेत्र के बत्रा निवासी बजरंगी सहनी का शव बरामद किया था. शव बरामद होने के बाद बात सामने आई थी कि बजरंगी शाह ने उक्त बेलोरो पर नहीं था. वह कटिहार से अपनी बहन के घर से लौट रहा था.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर बजरंगी साहनी उक्त बिलोरो पर नहीं था तो बेलोरो कार कौन था और उक्त बेलोरो किसका था. लोगों का मानना है कि उक्त बेलोरो पर जो लोग सवार वह पानी से बाहर नहीं निकल पाए है. स्थानीय लोगों का मानना है कि बेलोरो बरामद होने के बाद और भी लाशें बरामद हो सकती थी. परबत्ता थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव ने बताया कि सड़क के साथ बहे वाहन बेलोरो नहीं एक्सयूवी था. इस संबंध में खरीक थाना क्षेत्र के अठनिया निवासी गाड़ी मालिक ने थानाध्यक्ष को बताया था कि सड़क के साथ कलबलिया धार में बहने वाला वाहन उनका है.

गाड़ी बेलोरो नही एक्सयूवी है. उन्होंने थानाध्यक्ष को यह भी बताया कि उक्त गाड़ी पर सवार सभी लोग बाहर निकल गए हैं सिर्फ गाड़ी ही पानी में है. गाड़ी मालिक ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी को किराए पर भेजा था. इधर स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के साथ दोनों वाहन पानी में बहा है तो वह बरामद क्यों नहीं हो पाया. एसडीआरएफ की टीम बड़े-बड़े नदियों से वाहनों व लाशो को तलाश कर बाहर निकाल लेते हैं. लेकिन कलबलिया धार से दोनों वाहनों को बरामद करने एसडीआरएफ की टीम क्यों नहीं सफल हो पाई.