भागलपुर : केंद्र प्रायोजित एकीकृत वन्य जीव पर्यावास विकास योजना के तहत गंगा क्षेत्र में गरुड़ की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 10.75 लाख रुपए खर्च होंगे। इसमें केंद्र से 5.16 लाख और राज्य से 3.44 लाख यानी 8.60 लाख रुपए तत्काल खर्च करने की स्वीकृति दी गई है। केंद्र से पहली किस्त के रूप में 5.16 लाख रुपए मिल चुके हैं।

इसको लेकर बिहार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त सचिव र|ेश झा ने जिला को जानकारी भेजी है। इसकी जानकारी महालेखाकार को भी दी है, ताकि राशि के खर्च की जांच भी की जा सके। महालेखाकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि केंद्र से दूसरी किस्त आवंटित होने के बाद ही शेष राशि खर्च की जाएगी।

बता दें कि भागलपुर जिला के कदवा दियारा गरुड़ का प्रजनन क्षेत्र है। इसकी रक्षा के लिए सुंदरवन में पुनर्वास केंद्र भी है। वहां अभी करीब आधा दर्जन से अधिक गरुड़ हैं। यहां घायल गरुड़ों का इलाज किया जाता है। इलाके में पीपल, बरगद के पेड़ पर गरुड़ का घोंसला है और अभी स्थानीय लोगों के भरोसे ही उसकी सुरक्षा होती है। स्थानीय लोगों को गरुड़ की रक्षा के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है।

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कुछ संस्था के प्रतिनिधि भी स्थानीय लोगों को जागरूक करते हैं। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र से डॉल्फिन व अन्य जीव की रक्षा व संरक्षण के लिए 53.49 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसमें केंद्र से 25.67 लाख और राज्य से 17.11 लाख रुपए यानी 42.79 लाख रुपए की तत्काल स्वीकृति दी गई है। तत्काल यह योजना तीन वन प्रमंडलों-सुपौल, सहरसा व अररिया में चलेगी। केंद्र से 25.67 लाख की पहली किस्त भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि दूसरी किस्त आने के बाद ही बची राशि खर्च की जाएगी।