नवगछिया : सूर्योपासना के महापर्व छठ पर मंगलवार की शाम लाखों छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य प्रदान किया। नवगछिया सहित पूरे जिले में छठ व्रतियों ने गंगा सहित अन्य नदियों, तालाब,अस्थायी तालाबों में भगवान भास्कर को आरोग्यता, संतान और सुख सम्रधि के लिये अर्घ्य प्रदान किया। घरों की छत पर भी अर्घ्य प्रदान किये गये। इस दौरान गंगा घाटों के साथ ही पूरा शहर पारंपरिक छठ गीतों से गुंजायमान रहा। छठ को लेकर गंगा घाटों पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा की सख्त व्यवस्था की गयी थी। वहीं पौराणिक सूर्य मंदिर देव, उलार, पंडारक में भी लाखों की तादाद में छठ व्रतियों ने अर्घ्य प्रदान किया।

नवगछिया में गौशाला घाटों पर हजारों छठ व्रती और उनके परिजन भगवान भास्कर की आराधना और उन्हें अर्घ्य प्रदान करने पहुंचे थे। शहर के विभिन्न इलाकों से छठ व्रती और उनके परिजन माथे पर दउरा लेकर पैदल ही घाटों पर दोपहर दो बजे तक पहुंचने लगे थे। गौशाला पोखर, चैती दुर्गा स्थान, घाट ठाकुरबाड़ी, काली स्थान और राजेंद्र कॉलोनी में छठ व्रतियों की महती भीड़ उमड़ी थी।

अर्घ्य प्रदान करने के समय गंगा के चारों तरफ विहंगम व अलौकिक नजारे देख नवगछिया वासी भाव विभोर थे। गंगा में व्रती भगवान भास्कर को कल जोड़ प्रणाम करते हुए खड़े रहे। जैसे ही सूर्य में लालिमा आने लगी वैसे ही व्रती उन्हें प्रणाम करते हुए अर्घ्य प्रदान करने लगे। यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें अस्त होते सूर्य की पूजा की जाती है। बुधवार की सुबह सूर्योदय के समय छठ व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करके 36 घंटे के निर्जला निराहार व्रत का समापन करेंगे। नवगछिया के आसपास के इलाकों से आये छठ व्रती गंगाघाटों पर ही पूरी रात रुकेंगे और सुबह अर्घ्यप्रदान करने के बाद ही घर लौटेंगे।

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छठ को लेकर घाटों पर आसपास में प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किया था। हर घाट पर बिजली, पानी, शौचालय, चेंजिंग रूम और वाचटावर की व्यवस्था की गई थी। व्रतियों की सुविधा के लिए घाट के साथ संपर्क पथों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।