महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज की 99वीं जयंती महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पाघाट में 20 दिसम्बर को मनायी जायेगी। इसमें देश-विदेश के हजारों अनुयायी जुटेंगे। इस दौरान ध्यानाभ्यास, भंडारा, प्रवचन का आयोजन किया जायेगा।

पांच हजार से अधिक अनुयायी शामिल होंगे
जयंती से एक दिन पहले 19 दिसम्बर को नगर में शोभायात्रा निकाली जायेगी। शोभायात्रा कुप्पाघाट से शुरू होकर, तिलकामांझी, घंटाघर, स्टेशन, आदमपुर होते हुए पुन: कुप्पाघाट पहुंचेगी। प्रवक्ता डॉ. स्वामी गुरु प्रसाद ने बताया कि जयंती समारोह में पांच हजार से अधिक अनुयायी शामिल होंगे। इसमें नेपाल, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोलकाता, महाराष्ट्र, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, धनबाद, बोकारो, रांची, दरभंगा, डेहरी ऑन सोन आदि जगहों से लोग आयेंगे।

20 दिसम्बर को सुबह तीन बजे से कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि 20 दिसम्बर को सुबह तीन बजे से छह बजे तक ध्यानाभ्यास, छह से आठ बजे तक सत्संग, आठ बजे से पुष्पाजंलि कार्यक्रम, 11 बजे से भंडारा, दोपहर एक बजे से भजन कीर्तन होगा। दोपहर दो बजे से जयंती के उपलक्ष्य पर प्रवचन व उनके कार्यों पर चर्चा होगी। प्रवचन वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन जी महाराज, गुरु सेवी भागीरथ, प्रमोद बाबा, सत्यप्रकाश बाबा, संजीवानंद व कमलानंद करेंगे। आयोजन को सफल बनाने में अखिल भारतीय संतमत महासभा के संरक्षक दिनबंधु यादव, महामंत्री अरूण कुमार, उपाध्यक्ष अरूण कुमार सिंह व कृष्ण कुमार यादव, मंत्री सदानंद सागर, विजय कुमार यादव जुटे हुए हैं।

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महावीर था बचपन का नाम 
महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज का जन्म मधेपुरा जिले के गम्हरिया में 20 दिसंबर 1920 को हुआ था। उनके बचपन का नाम महावीर लाल दास था।  महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज 23 मार्च 1939 को अररिया जिले के कनखुड़िया गांव में संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज से पहली बार मिले थे।