भागलपुर – जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए रतन कुमार ठाकुर का शव शनिवार को दोपहर तक भागलपुर होते हुए कहलगांव पहुंचेगा। पटना से शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और सूबे के राजस्व मंत्री राम नारायण मंडल आएंगे। भागलपुर में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन पार्थिव शरीर के साथ अमडंडा और कहलगांव जाएंगे। जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि शहीद का शव दोपहर तक भागलपुर पहुंचेगा। अंतिम यात्रा में डीएम, एसएसपी सहित अधिकांश पदाधिकारी भाग लेंगे।
भाजपा के जिला अध्यक्ष रोहित पांडेय ने कहा कि शहीद का पार्थिव शरीर सुबह दिल्ली से पटना पहुंचेगा और करीब आठ बजे पटना से सड़क मार्ग द्वारा कहलगांव के लिए रवाना होगा। जिला उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि शहीद की अंतिम यात्रा में एनडीए के भी कई नेता उपस्थित रहेंगे। शहीद रतन कुमार ठाकुर के गांव केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे शनिवार को जाएंगे। चौबे ने शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता देने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है।
ससुराल का पानी भी नहीं पी सके दुल्हा बाब
पुलवामा विस्फोट में शहीद भागलपुर अमडंडा निवासी रतन कुमार ठाकुर की शहादत से बांका भी गौरवान्वित है। इस बार बांका का बेटा नहीं तो दामाद देश के काम आया है। शहादत के गौरव के साथ लोगों में आक्रोश भी गहरा है। वे इस शहादत का बदला चाहते हैं। रतन की शादी साढ़े चार साल पूर्व ककवारा के समीप कटेली बस्ती में हुई थी। रतन के ससुर कमल ठाकुर की बौंसी में सैलून है। रतन की शादी राजनंदनी उर्फ काजन से बौंसी में ही हुई। लेकिन, रतन का ससुराल कटेली बस्ती में ही है। कटेली ससुराल में दुल्हा रतन का पिछले तीन साल से इंतजार हो रहा है।
रतन ने चचेरा साला की शादी में इसी साल कटेली आने की बात कही थी। लेकिन, शादी से पहले ही वह भारत माता की गोद में सदा के लिए सो गया। अपने ससुराल का पानी भी नहीं पी सका। कमल के बड़े भाई टुनटुन ठाकुर की पत्नी बादो देवी ने बताया कि बौंसी में रतन और राजनंदनी की शादी के वक्त पूरा कटेली वहां मौजूद था। बादो देवी ने बताया कि अपने बेटे सुनील की शादी में दुल्हा बाबू से मिलकर कटेली आने को कहा था। लेकिन, तब कश्मीर में तैनाती के कारण छुट्टी नहीं मिलने की बात कही थी। दूसरे बेटे की शादी में गांव आने की बात कही थी। वहां जुटी गांव की महिलाओं ने बताया कि-कमला कअ ऐतना बढिय़ा, लंबा-तगड़ा, सुंदर दामाद मिललो छैले कौनअ छिने लेलकै हो। कमल के बड़े भाई नरेश ठाकुर ने बताया कि रात को ही कमल ने फोन कर दुल्हा के अब नहीं रहने की बात कही थी। सुबह उसका बेटा सोनू ठाकुर अमडंडा निकला है।
कमल ठाकुर की भाभी ने बताया कि पिछले महीने कमल गांव आया था। कश्मीर में रतन की ड्यूटी पर चिंता जताई थी। घटना के बाद गुरुवार शाम ही कमल ठाकुर अपनी पत्नी और बेटी के साथ बड़ी बेटी राजनंदनी का ससुराल अमडंडा निकल गया है। फोन पर कमल से बताया कि बड़ी गुमान से उसने सीआरपीएफ का जवान ढूंढा था। अब उसका सबकुछ लूट गया है। उन्होंने बताया कि देर रात तक शव गांव आने की खबर है। सरकार बदला नहीं लेती तो मेरी कोख में पल रहा बच्चा लेगा बदला सन्हौला प्रखंड के मदारगंज में गांव के लाल रतन कुमार ठाकुर के शहीद होने की सूचना मिलते ही परिजन सहित पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे प्रखंड में जानकारी फैल गई, जिससे शोक की लहर दौड़ पड़ी। शहीद की पत्नी राजनंदिनी कुमारी सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी राजनंदिनी रोते-रोते बदहवास हो जा रही थी।
पत्नी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकियों से बदला लेना होगा। यदि सरकार आतंकियों से बदला नहीं लेती है तो मेरी कोख में पल रहा बच्चा जिसको दुनिया में आने से पहले ही उसके सिर से पिता का साया छीन लिया गया वह सैनिक बनकर बदला लेगा। पिता राम निरंजन ठाकुर ने कहा कि रात में उन्हें पुत्र के शहीद होने की जानकारी पत्रकारों से मिली, फिर भी भरोसा नहीं हुआ। सुबह लगभग साढ़े आठ बजे कंट्रोल रूम से पुत्र रतन के शहीद होने की सूचना मिली तो ऐसा लगा कि दुनिया में उजाला नहीं, अंधकार ही अंधकार हो गया। उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले में देश की 44 मांओं की कोख सुनी हो गई। महिलाएं विधवा हो गईं और अनगिनत बच्चे अनाथ हो गए। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इसका बदला जरूर लें। बेशक 44 की जगह क्यों न चालीस हजार सैनिक शहीद हो जाएं लेकिन पाकिस्तानी आतंकियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के वैसे लोगों का भी सर्वनाश कर देना चाहिए जो आतंकियों को शरण देते हैं। शहीद के पिता ने कहा कि आखिर आतंकियों को कैसे पता चलता है कि कहां हमला करना है। ये जानकारी देने वाले जम्मू-कश्मीर के ही लोग हैं जो आतंकियों को यहां के सैनिकों की सूचनाएं उपलब्ध कराते हैं।
पिता ने इच्छा जाहिर की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके शहीद पुत्र को सलामी देने उनके घर आएं। पिता, परिजन सहित ग्रामीणों ने यह भी इच्छा जताई कि मदारगंज चौक पर शहीद रतन के नाम एक शहीद द्वार बनाया जाए, एकचारी-हनवारा मुख्य पथ के मदारगंज चौक से अदलपुर गांव तक सड़क का नामकरण शहीद रतन के नाम से हो। गांव में शहीद रतन की स्मारक बने और परिवार को स्थायी नौकरी दी जाए। दादा विश्वनाथ ठाकुर ने बताया कि उनके शहीद पोता रतन का पुत्र जम्मू-कश्मीर के उसी स्थान पर सेना में भर्ती होकर दुश्मनों से बदला लेगा। वहीं अपने पिता के चित्र को सीने से चिपकाए शहीद रतन ठाकुर के तीन वर्षीय पुत्र कृष्णा कुमार ने कहा कि वह भी पिता की तरह सैनिक बनेगा और दुश्मनों से बदला लेगा। शहीद रतन के आवास पर धीरे-धीरे मदरगंज और अन्य पंचायतों के लोगों ने पहुंचकर शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। कहलगांव के एडिशनल एसपी दिलनवाज अहमद, सन्हौला बीडीओ अरविंद कुमार, सीओ रंजन कुमार और कहलगांव बीडीओ विजय कुमार सौरभ ने शहीद रतन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर परिजन को भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं और उन्हें हरसंभव मदद करेंगे।