बिहार में क्राइम कंट्रोल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चेतावनी के बीच मुंगेर में औचक निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने वाले दो एसआई को डीआईजी ने निलंबित कर दिया है। जमालपुर के एसआई शंभू शरण झा और हेमजापुर के एसआई वीरेंद्र प्रसाद को ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहने के चलते डीआईजी मनु महाराज ने निलंबित कर दिया। इसके अलावा निलंबित जमालपुर और हेमजापुर थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। डीआईजी मनु महाराज ने सोमवार की देर रात को औचक निरीक्षण किया था।

शराब का धंधा रोकने में नाकाम 4 थानेदार निलंबित
इससे पहले बीते 29 नवंबर को शराब का धंधा रोकने में नाकाम राज्य के विभिन्न थानों में तैनात 4 थानेदारों को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। निलंबित होनेवालों में पटना के कंकड़बाग के थानेदार अजय कुमार, गंगाब्रिज के थानेदार पंकज कुमार संतोष, वैशाली के गंगाब्रिज और मुजफ्फरपुर के अहियापुर थानेदार दिनेश कुमार और मीनापुर के थानेदार अविनाश चंद्र शामिल हैं। डीजीपी एसके सिंघल ने थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है।

पुलिस अधिकारियों और जवानों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की समीक्षा
बिहार के पुलिस अधिकारियों और जवानों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की समीक्षा होगी। मामला बर्खास्तगी के लायक होगा और आरोपों से जुड़े साक्ष्य मौजूद रहने पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी। पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी रेंज के आईजी-डीआईजी के साथ एसएसपी और एसपी को विभागीय कार्यवाही को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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विभागीय कार्यवाही को लेकर मुख्यालय सख्त
पुलिसकर्मी की गलती पर निलंबन और विभागीय कार्यवाही होती है। आरोपों की गंगीरता के मद्देनजर सजा भी दी जाती है। कई दफे विभागीय कार्यवाही शुरू तो होती है पर अंजाम तक पहुंचने में उसे वर्षों लग जाता है। खासकर वैसे मामले लंबित रहते हैं जिसमें गंभीर सजा होने की आशंका रहती है। पुलिस मुख्यालय पिछले कुछ समय से विभागीय कार्यवाही के निपटारे को लेकर बेहद गंभीर है। नए आदेश के तहत सभी लंबित विभागीय कार्यवाही की समीक्षा के आदेश दिए गए हैं।