राज्य सरकार अपनी पूर्व की घोषणा के अनुसार मध्य से माध्यमिक स्कूलों में नियोजित शिक्षकों को हेडमास्टर बनाने जा रही है. इसकी प्रक्रिया तय करने के संबंध में शिक्षा विभाग के शीर्ष अफसर मंथन कर रहे हैं.

उम्मीद है कि बुधवार को इसकी प्रक्रिया तय हो जायेगी. दरअसल, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष एक विभागीय उच्च समिति अपनी रिपोर्ट सौंपने जा रही है.

जानकारों के मुताबिक, नियोजित शिक्षकों को अभी इन स्कूलों में हेडमास्टर नहीं बनाया जाता है. लेकिन, हाल ही में घोषित नियमावली में इसका प्रावधान किया गया था.

फिलहाल, शिक्षा विभाग इसकी प्रक्रिया तय करने को फाइनल टच देने जा रहा है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में निर्णय लेने के लिए सचिवालय में उच्चाधिकारियों की विशेष मीटिंग बुलायी है.

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दरअसल, नियोजित शिक्षकों अनुभव के आधार पर हेडमास्टर बनाया जाये अथवा लिखित परीक्षा लेकर अथवा इसका कोई और तरीका हो, इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा. प्रदेश के कुल 22 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में हेडमास्टर के पद खाली हैं.

सरकार इन स्कूलों की प्रशासनिक बेहतरी के लिए ये पद भरने जा रही है. इनमें करीब 18 हजार से अधिक पद केवल मिडिल स्कूलों में खाली हैं.

जानकारी के मुताबिक प्रधान सचिव संजय कुमार ने गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई की दिशा में नियोजित शिक्षकों की प्रभावी भूमिका बनाने की दिशा में और भी कई कदम उठाये हैं.