सदर प्रखंड के माड़र दक्षिण पंचायत का माड़र ईदगाह टोला निवासी शहीद लांस नायक मो जावेद के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार को पार्थिव शरीर आने के बाद वहां जनसैलाब उमड़ पड़ा। क्या बच्चे क्या महिलाएं व क्या बुजुर्ग? हर कोई शहीद जावेद के एक झलक पाने को बेताव थे।

बुधवार की सुबह से ही उनके पैतृक गांव माड़र में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। हजारों की संख्या में स्थानीय से लेकर पूरे जिले के अधिकारी, जनप्रतिनिधिग, आम से लेकर खास लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे। शहीद के सम्मान को लेकर स्थानीय युवाओं द्वारा पहले से ही तैयारी कर ली गई थी। पूरे जोश के साथ एनएच 31 के खगड़िया- बेगूसराय जिले के बोर्डर पर से ही उनके सम्मान में लोग सड़क पर जमे हुए थे।

शहीद का पार्थिव शरीर लेकर जिस वाहन पर लाया जा रहा था। उस वाहन को फूल-माला से लाद दिया गया। जिले के बोर्डर पर से ही जयकारा के साथ खगड़िया शहर के रास्ते शहीद के शव को गांव लाया गया। लोगों की भीड़ का आलम यह था कि गांव में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। माड़र के हर सड़क पर सिर्फ भीड़ ही दिख रही थी। शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए सुबह के आठ बजे से लेकर देर शाम तक लोग जमे हुए थे। जबतक शहीद को सुपर्दे खाक नहीं कर दी गई। इस दौरान हर पल की तस्वीर लोग अपने मोबाइल में कैद करते रहे।

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शहीद जावेद के पार्थिव शरीर आने की खबर सुनते ही लोग सड़क के किनारे खड़े होकर इंतजार कर रहे थे।खगड़िया जिले के बोर्डर से लेकर उनके पैतृक गांव तक लोग इंतजार कर थे।इस दौरान बच्चे में भी दर्शन करने को बेतावी थी।बच्चे पार्थिव शरीर आने में हो रहे देरी को लेकर अपने परिजन से बार बार सवाल पूछरहे थे।इस दौरान राजमाता माधुरी देवी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के छात्राओं ने भी पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षाकी।.

आया पार्थिव शरीर, लोग पार्थिव शरीर के दर्शन को दिखे बेताब, देर शाम हुए सुपुर्द-ए-खाक.

देर रात पूंछके डोडा शाहपुर में सीजफायर उल्लंघन के दौरान जावेद हुए थे जख्मी.

खगड़िया। बुधवार को जैसे ही शहीद का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो लोगों के इंतजार कीघड़ी खत्म हो गयी।अपने बेटे के एक दर्शन के बेताब लोगों के आंखों से आंसू छलक रहे थे।हर कोईउसके शहादत की चर्चा कर रहे थे।.

छतों पर थे लोग:जिस रास्ते से भी शहीद का पार्थिव शरीर के साथ गाड़ियों का काफिला गुजर रहा था उन इलाके के हर छत पर लोग दिख रहे थे।शहीद के पार्थिव शरीर के इंतजार के लिए लोगों को छतों पर धूप व उमस भरी गर्मी का भी असर नहीं पड़ रहा था।.

खगड़िया।शहीद जावेद के पार्थिव शरीर जैसे ही माड़र के आसपास पहुंची तो लोगों की भीड़ धीरे धीरे लोगों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई और देखते ही देखते रणखेत का बड़ा मैदान भी लोगों के भीड़ के बीच छोटीपड़ गई।आलम यह था कि सेना व जिला पुलिस के जवानों को जुटे भीड़ को नियंत्रित करने में भी लगभग आधा घंटे से अधिक समय तक प्रयास करना पड़ा।रणखेत मैदान में सिर्फ स्थानीय गांव की ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे पंचायतों के अलावे जिले के विभिन्न इलाके से भी लोगों कीभीड़ जुटी हुईथी।हर किसी के चेहरे मुरझाए हुए थे और आंखों में आंसू थे। हर कोई जावेद के बहादुरी की चर्चाकर रहे थे।.