नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में पहुंचा मरीज आधे घंटे तक सांस की समस्या से तड़पता रहा लेकिन न तो कोई चिकित्सक सामने आये और न ही कोई मेडिकल स्टाफ. परिणामत: मरीज की मौत हो गयी. मौत के परिजनों ने जम कर बवाल काटा और कर्मियों की पिटाई भी कर दी. मृतक खगड़िया जिले के पसराहा थाना क्षेत्र के झंझरा निवासी बिंदेश्वरी साह 55 वर्ष है. जानकारी मिली है कि बिंदेश्वरी साह सोमवार को रात में अपने ससुराल आया था. मंगलवार को सुबह एका एक उसकी हालत खराब हो गयी तो परिजनों ने उसे गंभीर अवस्था में नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल लाया. परिजनों का कहना है कि उनलोगों ने मरीज को लाने के साथ अनुमंडल अस्पताल में मौजूद हर व्यक्ति को डाक्टर को बुलाने को कहा लेकिन किसी ने उनलोगों की नहीं सुनी. मरीज को सीने में दर्द की शिकायत थी.

उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी. इस परिस्थिति में उसे ऑक्सीजन लगाने वाला भी कोई नहीं था. करीब तीस मिनट के बाद जबतक उसे ऑक्सीजन लगया जाता उसकी मौत हो चुकी थी. परिजनों ने कहा कि अस्पताल में आते ही उसे ऑक्सीजन लगाकर इलाज आरंभ किया जाता तो उनकी मौत नहीं होती. अस्पताल में चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही बरते जाने के कारण ही मेरे मरीज की मौत हुई है. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ अंजू तुरियार ने कहा कि चिकित्सक द्वारा को लापरवाही नहीं बरती गई है.

मरीज को हर्ट एटेक आया हुआ था. उसका निजी अस्पताल में इलाज भी हुआ था. गंभीर स्थिति में उसे मायागंज अस्पताल भगालपुर रेफर किया गया था. लेकिन मरीज के परिजन उसे लेकर यहां आए उसका विधिवत इमरजेंसी में इलाज शुरू किया गया ही था कि मरीज की मौत हो गई। मरीज को काफी क्रिटिकल अवस्था मे यहां लाया गया था. इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. परिजनों का आरोप पूरी तरह से निराधार है.

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आक्सीजन लगा दिया जाता तो बच जाते बिंदेश्वरी

परिजनों ने बताया कि सोमवार को सीने में उसे दर्द की शिकायत हुई थी. इसी कारण उन्हें इलाज के लिए नवगछिया बुलाया गया था. मंगलवार सुबह खाना खाने के बाद छाती में तेज दर्द की शिकायत हुई तो उसे नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में ले जाया गया. जहां से उसे नवगछिया अनुमंडल अस्पताल रेफर किया गया था. सीने में दर्द होने के कारण वह सांस नहीं ले पा रहे थे. उसे तत्काल आक्सीजन की आवश्यकता थी. इस लिए हैम लोगों ने उसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल लेकर चले आए. लेकिन आधा घंटे तक मेरे मरीज को कोई देखने वाला नहीं मिला और न ही ऑक्सीजन लगाया गया. मेरे मरीज को अगर अस्पताल में सिर्फ आक्सीजन लगाकर मायागंज भेज दिया जाता तो मेरे मरीज की जान बच सकती थी.

गहरे सदमे में हैं परिजन

परिजनों ने बताया की मृतक को पांच पुत्री व एक पुत्र है. पांच पुत्री में एक पुत्री की शादी हुई है. चार पुत्री की व एक पुत्र की जिम्मेदारी अभी भी बिंदेश्वरी साह पर थी. बिंदेश्वरी की मौत के बाद पांचों बच्चे के सर से पिता के साया उठ गया. बिंदेश्वरी की मौत से साहू टोला भवानीपुर में मातम का माहौल है. मृतक बिंदेश्वरी साह की मौत से परिजन गहरे सदमे में है. मृतक की पत्नी का सुनीता देवी अपने पति के मौत के बाद रो रो कर बुरा हाल है. वह पति की मौत के से बेसुध हो गई है. मृतक का ससुराल भवानीपुर साहू टोला में है. मृतक साहू टोला निवासी जोगो साह का दामाद था.

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

अस्पताल उपाधीक्षक एके सिन्हा ने कहा कि निजी अस्पताल से मृत अवस्था में ही उक्त मरीज अनुमंडल अस्पताल आया था. निजी अस्पतालों से अक्सर आक्सीजन क नाम पर रोगी की मृत्यु हो जाने के बाद सच बात न बता कर उसे अनुमंडल अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. यहां पर ससमय मरीज की जांच की गयी थी. परिजनों का आरोप सही नहीं है.