लवगुरु मटुकनाथ फिर चर्चा में हैं. लवगुरु प्रो मटुकनाथ चौधरी को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. प्रेमिका जूली के चक्कर में पत्नी आभा चौधरी तो उनसे दूर हो ही गयीं, अब जूली भी उनसे काफी दूर जा चुकी है. गुमनाम जिंदगी में. अब मटुकनाथ को भी नहीं पता है कि इन दिनों जूली कहां है. वहीं दो दिन पहले 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अलग हुई पत्नी आभा चौधरी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है. इस फैसले से प्रो मटुकनाथ की पत्नी आभा चौधरी खुश हैं. उन्हें इस बात की खुशी है कि 12 साल की लंबी लड़ाई के बाद उन्हें अधिकार मिला है. पत्नी को वेतन का एक तिहाई पैसा मिलेगा.

पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी अचानक उस समय पूरे देश में छा गये, जब उन्होंने अपने से 30 साल की छोटी छात्रा जूली से प्यार कर बैठे. आंखें चार हुईं तो उनका प्यार कॉलेज, शहर, राज्य की सीमा से निकल कर पूरे देश में छा गया. प्रेमी युगल के वे आईकॉन बन गये. लवगुरु के नाम से हर जगह छा गये. युवा अपने कार्यक्रमों में मटुक व जूली को बुलाने लगे. यह समय वर्ष 2004 का था.

प्रो मटुकनाथ के साथ जूली खुलकर लिव इन रिलेशनशिप में आ गई. यह रिलेशन कई वर्षों तक रहा. लेकिन इसके बाद जूली पटना से चली गई. वर्ष 2014 के बाद से जूली कहां गई, मटुकनाथ के अनुसार उन्हें भी नहीं पता है. हालांकि कुछ लोगों को कहना है कि वे अंदर से टूट गये हैं, इसलिए जूली के बारे में बताना नहीं चाहते हैं. पिछले 4 वर्षों से जूली अपने मटुकनाथ से अलग हो गई है. अब वे पटना के शास्त्रीनगर में अकेले रहते हैं. पत्नी आभा चौधरी पहले ही अलग हो गई हैं और जूली भी अब उन्हें छोड़ कर चली गई है. हालांकि वे कहते हैं कि इसे लेकर उन्हें कोई अफसोस नहीं है.

खास बात कि मटुकनाथ के मन में अभी भी प्रगाढ़ प्रेम है. मीडिया में आ रही रिपोर्ट में कहते भी हैं कि जो प्रेम हमें प्राप्त हुआ, वह कल भी मिले यह जरूरी नहीं है. लेकिन यदि प्रेम मिल जाए तो मेरा अहोभाग्य. मटुकनाथ के अनुसार जूली से उनकी पहली मुलाकात 2004 में हुई थी. तब मटुकनाथ पटना के बीएन कॉलेज में प्रोफेसर थे. जूली ब्लैक ड्रेस में क्लास करने आयी थी. क्लास में वह लेट आयी थी. उसे डांट भी पड़ी थी. अचानक जूली ने प्रेम का प्रस्ताव मटुकनाथ के सामने रखा, जिसे वे ठुकरा नहीं सके. प्रेम वे इतने वशीभूत हो गये कि उन्होंने जूली के लिए लाइफ का पहला मोबाइल फोन खरीदा. इस तरह दोनों में नजदीकियां बढ़ती चली गयीं.

गृह कलह तब बढ़ा, जब जूली उनके घर आने लगी. इसे लेकर पत्नी आभा चौधरी और बेटे ने हंगामा कर दिया. दरअसल मटुकनाथ के जीवन में जूली के पहले दो लड़कियां और आई थीं. एक छात्रा आई थी 1981 में, फिर 1994 में मटुकनाथ एक महिला के प्रेम में फंस गये. उससे प्यार टूटने पर 3 साल तक वे विक्षिप्त की स्थिति में रहे. इसके बाद तीसरे प्रेम के रूप में जूली आई. लेकिन इस बार पत्नी आभा चौधरी ने ठान लिया था कि अब वे दबने वाली नहीं है. सो वे कानून की शरण में पहुंच गयी. कानूनी लड़ाई जीतने के लिए आभा चौधरी ने 53 साल की उम्र में लॉ की पढ़ाई की.

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अब उनकी पत्नी आभा चौधरी को इस बात का फक्र हैं कि वर्ष 2007 से चली आ रही उनकी लंबी लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट ने समझा. 17 अप्रैल को उनके पक्ष में फैसला दिया. अब पत्नी आभा को पति की ओर से गुजारा भत्ता मिलेगा. वहीं मटुकनाथ चौधरी को भी इस फैसले की जानकारी है. लेकिन वे इस पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं. बता दें कि मटुकनाथ एक बार इस लड़ाई में जेल भी गये थे. लड़कों ने उनके मुंह पर कालिख भी पोत दी थी.

नौकरी से बर्खास्त हो गये थे. बाद में 2013 में कोर्ट से लड़ाई जीती. तब पटना यूनिवर्सिटी ने मटुकनाथ को पिछले पांच साल के एरियर के रूप में 20 लाख की मोटी रकम दी. रकम 13 फरवरी को मिली थी, सो इसके अगले ही दिन 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे पर मटुकनाथ ने जूली को कार खरीदकर गिफ्ट में दिया था. पर, अब यह सब यादों में ही है. फिलहाल सच यही है कि जूली लवगुरु को छोड़कर चली गयी हैं, तो पत्नी उन्हें कानूनी लड़ाई में हरा चुकी है.

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