मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी और नशाबंदी के बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा के ख़िलाफ़ राजव्यापी अभियान शुरू कर दिया है. बिहार सरकार के जारी आदेश के बाद अब बिहार में शादी कराने वाले पंडितों को लिखकर देना होगा कि जिसकी शादी करवाई वो दुल्हन बालिग थी. सरकार का मानना है कि इससे बाल विवाह खत्म तो नहीं हो सकता है पर उस पर काफी हद तक लगाम लगेगा.

हालाँकि अभी सरकार का कहना है कि इसके अलावा कई अन्य तरीक़ों पर भी विचार किया जा रहा हैं. जैसे बालिग है या नही ये बताने के लिए आधार कार्ड और जहां शादी हो रही हैं, वहां ख़ासकर कन्या का घर जहां हो वहां के वॉर्ड काउन्सलर से भी लिखित में ये अंडरटेकिंग लिया जाए. लेकिन अभी सरकार ने शुरुआत में पंडितों या शादी कराने वाले दूसरे पुजारियों से लिखित में लेने का फैसला लिया है.

पर अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया हैं कि सरकार का यह आदेश मुस्लिम समुदाय के मौलाना या क्रिश्चयन समुदाय के पादरी पर भी लागू होगा या नहीं. पर सरकार के इस आदेश के बाद अब राज्य में धार्मिक न्यास बोर्डों के जरिए पंडितो की सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अब देखना यह है कि सरकार का यह कदम कितना सार्थक हो पाता है

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