बिहपुर:- प्रखंड के हरिऔ गाँव में हो रहे क्षेत्रीय शांति के लिए पाँच दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ का आज पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न किया गया । इस उपलक्ष्य पर गाँव के करीब 300 व्रतियों ने अंतिम आहुति दे अपने को धन्य महसूस किया । यह यज्ञ सम्पूर्ण हरिऔ वासियों के मूल सहयोग से सम्पन्न हुआ हैं । यज्ञ का संचालन गाँव के ही कृष्णकांत शर्मा जी कर रहे थे।बिहार के अन्याय जगहों से आए 11 वैदिक पंडितों के द्वारा यज्ञ किया गया ।

इस यज्ञ में यजमान के रूप में ब्रहमदेव शर्मा सपत्नीक व जयकरण सिंह सपत्नीक पाँच दिनों तक व्रतोत्सव के रूप में पूरे विधि विधान के साथ पूजा एवं हवन किए। मौके पर मौजूद आचार्य स्वरूप पं0 दयानंद ठाकुर एवं शम्भु ठाकुर ने यज्ञ के महत्व के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि जहाँ यज्ञ होता हैं वह भूमि तीर्थस्थल बन जाता हैं यज्ञ में हो रहे मंत्रोच्चारण के कंपन से पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता हैं

इनसे निकलने वाले धुम्र से वातावरण तो ऑक्सीकृत होता ही हैं साथ ही इनसे बने बादल से होने वाले शुभ वृष्टि से भूमि की उर्वरा शक्ति मजबूत होती हैं और फसल भी अच्छा होता हैं । वहीं मौजूद मनोहर झा ने कहा कि यज्ञ करने से समाज देश पर अच्छा प्रभाव पड़ता हैं यह आपसी क्लेश को खत्म कर समाज को सुसंगठित करता हैं

मानव शरीर से निकलने वाले दुर्गंधों एवं बैक्टीरिया को इनसे निकलने वाले सुगंध से खत्म हो जाता हैं यज्ञ भारतीय संस्कृति का पिता हैं। प्राचीन काल में यज्ञ के माध्यम से ऋषि महात्माओं व देवतागण सारी शक्ति प्राप्त करते थे। यज्ञ के होने से मानव जाति के कल्याण के साथ साथ सारे भूचरों का भी कल्याण होता हैं ।यज्ञ को देखने मात्र से व उनके चारों तरफ परिक्रमा करने से सारे तीर्थस्थल जाने का फल मिल जाता हैं ।

इस अवसर पर पं कृष्णानंद झा, गोपीकृष्ण झा, अमरनाथ झा, वीरेन्द्र कुमार, भूदेव सिंह, उचित प्रकाश शर्मा, मखिया पवन साह, सूचिप्रकाश सिंह, कुनाल सिंह, सुरेश राजपाल , जयकिशोर राजपाल,सुनील कुमार सुमन, रामचन्द्र सिंह, अमित कुमार सिंह सहित गाँव के सभी व्यक्ति यज्ञस्थल पर पहुँच कर यज्ञ को शांतिपूर्वक सम्पन्न करने का काम किया ।

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