खरीक : खरीक थाना क्षेत्र के गुड खरीक पंचायत अंतर्गत पुर्वी घरारी वार्ड नंबर 1 में रमजान के पवित्र त्योहार के अवसर पर आप के नशे में धुत होकर आधा दर्जन से अधिक मनचलों ने शुक्रवार की रात पूर्वाहन बुरी नियत से अल्पसंख्यक समुदाय के फुलपड़ी खातून(पति स्वर्गीय मोहम्मद सुधीर) के घर घुसकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ किया और जमकर उपद्रव किया.घर के सभी महिला सदस्य रात्रि में सोए हुए थे.अचानक घर घुसकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने से महिला सदस्य जाग गई. महिलाओं की चीख सुनकर पुरुष सदस्य भी जग गए. महिलाओं के विरोध करने पर उपद्रवियों ने महिलाओं के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया.

पुत्र और पुत्र वधू के विरोध करने पर मनचले उपद्रवियों ने लाठी डंडे बेंट और पिस्टल के बट से जमकर मारपीट किया. रात्रि के अंधेरे में मनचलों द्वारा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उपद्रव का जब घर के लोगों ने विरोध किया तो मनचले कठेला के मुसिक चौधरी पिता स्वर्गीय सुभाष चौधरी, गौरव कुमार पिता बबलू चौधरी, खोनचा चौधरी पिता रामानंद चौधरी सभी घर कठेला, थाना खरीक, जिला भागलपुर ऋषभ कुमार उर्फ घोलटा चौधरी पिता सुनील चौधरी घर नयागांव थाना परबत्ता जिला खगड़िया हाल वासी कठेला, दो अज्ञात समेत आधा दर्जन से अधिक मनचले ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की घटना को अंजाम दिया सभी अपराधी शराब के नशे में धुत थे.

रात के अंधेरे में महिलाओं की चीख सुनकर पुर्वी घरारी के सैकड़ों लोग फुलपड़ी खातून के घर की ओर दौड़ पड़े. बड़ी तादाद में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को देख सभी उपद्रवी घर से निकल कर भागने लगे भागते समय एक अपराधी मुसिक चौधरी को लोगों ने पकड़ने का कोशिश किया लेकिन वह भी लोगों को धक्का-मुक्की कर भागने में सफल रहा किस क्रम में हमलावरों का चप्पल और बेंत छूट गया.घटना के बाद रात्रि में ही बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थाना पहुंच गए और थाना में पुलिस से मनचलों के घुसने और उपद्रव की शिकायत की. 3:00 के करीब 2:00 बजे खरीक पुलिस दल बल के साथ पीड़िता के घर तक पहुंच कर मामले की सुध ली.

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मनचलों के हमले से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सहमे हुए हैं. ईद के अवसर पर इस तरह की वारदात होने से दो पक्षों के बीच तनाव और दहशत की स्थिति बनी हुई है. सभी आरोपियों ने जाते वक्त पीड़िता फूल परी को धमकी देते हुए गया कि यदि थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई तो सभी परिवार के लोगों को जान से मार देंगे. थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद से पीड़ित परिवार को मनचलों की ओर से धमकी मिलना शुरू हो गया है. सभी मनचले अपराधी और उसके पैरवीकार गुर्गों अल्पसंख्यक समुदाय के पीड़ित परिवार को केस उठाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.