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जी हाँ जिस गूगल ब्वॉय की प्रतिभा से दुनिया हैरान है, उसे गणित पढ़ाते हैं बिहार के रजनीकांत। बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज के जमोढ़ी गांव के रजनीकांत श्रीवास्तव मूल निवासी हैं। देहरादून में कौटिल्य रजनीकांत से गणित की शिक्षा लेता है। कौटिल्य की मानें तो उसे रजनी सर से पढ़ने में मजा आता है।

कौन है कौटिल्य
कौटिल्य हरियाणा के करनाल जिले के कोहड़ गांव में जन्मा असाधारण प्रतिभा सम्पन्न नौ वर्षीय बच्चा है। महज 5 वर्ष 10 महीने की आयु में ही वह समाज विज्ञान से लेकर विज्ञान व गणित तक के प्रश्नों को चुटकी बजाते हल कर देता है। उसकी प्रतिभा से लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिक उसकी स्मृति क्षमता का अध्ययन कर रहे हैं।
इसके पहले 14 अक्टूबर 2013 को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसे लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम में वह अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर अपनी तीक्ष्ण बुद्धि व हाजिरजवाबी का परिचय दे चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों पर उसके कार्यक्रम देखकर लोग उसे ‘गूगल ब्वॉय’ तक कहने लगे हैं।

क्या कहते है कौटिल्य के दादा जी
कौटिल्य के दादा जयकृष्ण शर्मा ने दूरभाष पर बताया कि कौटिल्य को पढ़ाने के लिए कई टीचर्स आए लेकिन उसने पढ़ने की सहमति नहीं दी। जब रजनीकांत ने कौटिल्य से मिलकर पढ़ाने का प्रस्ताव रखा तो वह तैयार हो गया और अब उनसे काफी कुछ सीख भी रहा है। कौटिल्य के कहने पर ही पिता सुरेश शर्मा ने रजनीकांत को पढ़ाने की सहमती दी थी।

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कौन है मैथेमैटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव
बिहार के प्रिंट मीडिया मे पिछले कुछ वर्षों से मैथेमेटिक्स गुरू आर के श्रीवास्तव के नाम से मशहूर आर के श्रीवास्तव के द्वारा आर्थिक रूप से गरीबों की नहीं रूकेगी पढ़ाई अभियान चलाया जा रहा है जिसका लाभ से आज काफी गरीब बच्चे आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानो मे जा चुके है।

बिक्रमगंज जैसे एक छोटे से शहर में इंजीनियरिंग की तैयारी करते छात्रों के नन्हे सपनो को साकार करने की जदोजहद में लगे आर के श्रीवास्तव की जिंदगी भी कम दिलचस्प नही है। बचपन के 5 वे साल में पिता पारसनाथ लाल के गुजरने से अनाथ हुए श्रीवास्तव को युवा अवस्था में भी एक जोरदार का झटका लगा। पिता के स्थान पर बड़े भाई शिव कुमार श्रीवास्तव का भी साथ 2014 में छूट गया जब उनकी मृत्यु हो गई।

शुरुआत में बिक्रमगंज के पटेल नगर में एक कोचिंग संस्थान खोल जीविकोपार्जन किया। इसी बीच वह हरियाणा पहुंचे। जहां कौटिल्य के बारे में चर्चा हुई तो उससे मिलने उसके घर चले गए। आज वे देहरादून के एक कोचिंग संस्थान में सप्ताह में तीन दिन पढ़ाते हैं।

रजनीकांत बोले, कॉटिल्य को पढ़ाना चुनौती
कौटिल्य को पढ़ाने की जिम्मेदारी मिलने से रजनीकांत खुश हैं। कहते हैं, ”कौटिल्य को पढ़ाना साधारण बात नहीं, बल्कि यह एक चुनौती है। वह कई शिक्षकों से पढऩे से इंकार कर चुका है। लेकिन, मुझसे पढऩे की सहमति दे दी है।”