भागलपुर : रूप कुमार, ये घपले-घोटालों का नहीं बल्कि रोजगार का सृजन है। यूं कहिए कि ये सृजन नाम को सार्थक कर रहा है। हजार करोड़ से अधिक के सृजन घोटाले से जहां देश भर में बिहार बदनाम हो रहा है वहीं एक सृजन ऐसा भी है जो इलाके के 5 हजार किसानों को बाजार देकर इलाके में खेती का ट्र  बदलने वाला है। भले ही नाम के इस खेल में आपको ये अजूबा लगे लेकिन इसे संयोग कहिए कि सृजन का ये आदर्श स्वरूप इसी बिहार में देखने को मिल रहा है।

सृजन स्कैम को लेकर जहां सूबे की सियासत में आग लगी हुई है वहीं खामोशी के बीच ये सृजन रोजगार का सृजन कर रहा है। खास बात ये है कि दोनों सृजन का जुड़ाव बिहार के भागलपुर जिले से ही है। दोनों सृजन का कर्ता-धर्ता भी नवगछिया अनुमंडल का ही रहने वाला है। सृजन स्कैम की मुख्य नायिका दिवंगत मनोरमा देवी जहां नवगछिया के गोसाइगांव की रहने वाली थी वहीं किसानों के बीच आदर्श बने इस सृजन का नायक नवगछिया के साहूपरबत्ता गांव का रहने वाला है।

किसानों के लिए बाजार का सृजन करने वाले 37 साल के बीटेक डिग्रीधारी युवा प्रीतम कुमार ने एक साल पहले पीएम मोदी एवं सीएम नीतीश के स्टार्टअप इंडिया एवं स्टैंडअप इंडिया मिशन से प्रभावित होकर सृजन नामक आटा का अपना ब्रांड बाजार में उतारा। प्रीतम इस व्यवसाय की नींव रखने के पहले कोलकाता की एक कंपनी में 18 लाख के सलाना पैकेज पर वरीय क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। किसान परिवार से आने वाले प्रीतम के लिए काॅरपरेट नौकरी छोड़कर अपने व्यवसाय का नया सृजन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था। लेकिन धुन के पक्के प्रीतम ने बाजार में सृजन के नाम अपना आटा उतार कर किसानों के लिए बाजार और खुद के लिए गांव में एक कारोबार खड़ा कर दिया। प्रीतम को इस कारोबार को खड़ा करने में अपने बड़े भाई नीरज साहू का खूब साथ मिला।

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उनके बड़े भाई नीरज भी इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर इलाके में आधुनिक तरीके से खेती का अलख जगाने के लिए नवगछिया के किसानश्री के रूप में सरकार से सम्मानित हो चुके हैं। एक हजार करोड़ के भागलपुर के सृजन से जहां सूबा बदनाम हो रहा है वहीं किसानों के लिए बाजार का सृजन कर कारोबार का ये सृजन अपना नाम कमा रहा है। प्रीतम ने बताया कि कल तक किसानों को अपने गेहूं की कीमत का सही पैसा नहीं मिलता था लेकिन आज के समय उनके कारोबार से जुड़े करीब पांच हजार किसानों को आॅन द स्पाॅट भुगतान मिलता है। सृजन स्कैम के बीच प्रीतम का ये सृजन इलाके में सृजन के आदर्श की कहानी कह रहा है। प्रीतम ने बताया कि सृजन घोटाले के उजागार होने के बाद उन्हें अपना ब्रांड बदलने के लिए काफी दबाव पड़ा लेकिन वे अपने सृजन के जरिए पुराने सृजन से इलाके की हो रही बदनामी को दूर करना चाहते हैं।