भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में शुक्रवार को कुलपति डॉ. नलिनीकांत झा की अध्यक्षता में सभी 15 बीएड कॉलेजों के प्राचार्यो के साथ बैठक हुई। जिसमें पिछले एक माह से बीएड सत्र 2017-19 नामांकन शुल्क को लेकर जो विवाद चल रहा था इस पर विचार किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि छात्रों से नामांकन शुल्क के रूप में सभी बीएड कॉलेज पहले सत्र के लिए 80 हजार आठ सौ रुपये ही लेंगे। इसके बाद कोर्ट, राजभवन और राज्य सरकार को कॉलेज व विवि प्रशासन अपनी परेशानी को बताएगा, ताकि नामांकन शुल्क पर विचार किया जा सके।

वहीं बीएड कॉलेजों के प्राचार्य ने बैठक आरंभ होते ही नामांकन शुल्क को लेकर अपनी बातें रखीं। उनका कहना था कि महज एक लाख पांच हजार रुपये में कॉलेज किस तरह दो साल का प्रोफेशनल कोर्स चला सकते हैं। इस शुल्क के आधार पर छात्रों को आधुनिक सुविधा प्रदान करने में कॉलेज असमर्थ हैं। जिसके बाद बीच का रास्ता निकाला गया।

अब कॉलेज पहली किश्त लेने के बाद राजभवन व बिहार सरकार के निर्देश का इंतजार करेंगे। अगर सरकार ने शुल्क बढ़ा दिया तो छात्रों से यह शुल्क कॉलेज वसूलेंगे। सरकार ने अगर शुल्क नहीं बढ़ाया तो कॉलेजों को तय नामांकन शुल्क ही लेना होगा। इस बात पर सभी कॉलेजों के प्राचार्यो ने अपनी सहमति प्रदान कर दी।

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16 सितम्बर तक होगा नामांकन

बीएड नामांकन शुल्क पर सहमति बनने के बाद कुलपति ने नामांकन पर जो रोक लगाई थी उसे हटा दिया गया। काउंसलिंग में सफल छात्र 9 से 16 सितंबर तक विभिन्न कॉलेजों में अपना नामांकन करा सकते हैं।