भारत सरकार के वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने कहा कि शून्य रिटर्न वाले कारोबारी एसएमएस के माध्यम से जीएसटी के तहत अपना रिटर्न फाइल कर सकेंगे। जल्द ही यह सुविधा बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी का कोई रिटर्न निर्धारित अवधि में शून्य रहता है, तो उन्हें विधिवत रूप से सिस्टम में जाकर रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

डॉ. अधिया ने शुक्रवार को व्यावसायिक संगठनों के साथ एक होटल में विचार-विमर्श के दौरान ये बातें कही। उन्होंने कहा कि 20 लाख से कम जिनका सालाना कारोबार है, उन्हें जीएसटी के तहत निबंधन कराना अनिवार्य नहीं है। 20 लाख से कम कारोबार वाले निबंधन करा लिये हैं तो वे अपना निबंधन कैंसिल करा सकते हैं। बिहार में जीएसटी लागू होने के बाद कर देने वालों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है।

केंद्रीय वित्त सचिव ने कहा, शून्य रिटर्न वालों को मिलेगी यह सुविधा
20 लाख से कम सालाना कारोबार पर जीएसटी में निबंधन जरूरी नहीं

पहले एक लाख 66 हजार थे, तो अब एक लाख 98 हजार नये करदाता जुड़ गए, लेकिन कर संग्रह का रिकॉर्ड देखें तो पुराने करदाता ही 92 फीसदी हिस्सा रहे हैं। नये एक लाख 98 हजार करदाता मात्र आठ फीसदी हिस्सा देते हैं। इसका एक कारण यह भी लगता है कि कई ऐसे भी कारबोरी अपना निबंधन करा लिए हैं, जिनका सालाना कारोबार 20 लाख से कम है। अगर निबंधन है तो रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा, भलें टर्न ओवर शून्य रहा हो।

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गलत विक्रेता से सामान नहीं खरीदें

उन्होंने व्यवसायियों से कहा कि गलत विक्रेताओं से सामान नहीं खरीदें। क्योंकि अगर क्रेता सामान की कीमत दे चुका है और विक्रेता जीएसटी के तहत उसे अदा नहीं करता है तो यह दायित्व फिर खरीदार के पास आ जाएगा। कहा कि सूक्ष्म उद्योग चलाने वालों को जीएसटी के तहत रिटर्न फाइल को और सरल करने के लिए मंत्रियों का समूह गठित है। तीन-चार महीने में और सरलीकरण होगा। गौरतलब हो कि इसके पूर्व अधिया ने वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की। इस मौके पर विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, कर आयुक्त प्रतिमा आदि उपस्थित थे।

गलत करने वाले कारबोरी पकड़े जाएंगे

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि डिजिटाइजेशन के इस युग में कोई कारोबारी कर अदायगी में गलत करेगा तो निश्चित पकड़ा जाएगा। हो सकता है कि कुछ दिन तक गलत करने वाले बच जाएं, लेकिन कुछ महीने के अंदर वे निश्चित पकड़े जाएंगे, क्योंकि हर चीज को ट्रैक किया जा रहा है। इसलिए हर व्यवसायी को नियमत: अपना रिटर्न फाइल अवश्य करना चाहिए। कर संग्रह से ही सरकार को राजस्व आता है। तब ही सरकार विकास का काम और गरीबों के लिए योजनाएं चला पाती है। जीएसटी एक बेहतर कदम है। पूर्व की सरकार इसको लेकर लोगों का भरोसा नहीं जीत पाई थी।