विक्रमशिला पुल और पहुंच पथ को चार माह बाद भी एनएच को हैंडओवर नहीं किया गया है। विभागीय आदेश के बाद भी तेजी से काम नहीं किया गया। इस कारण तीन विभागों के बीच समानांतर पुल फंसा हुआ है। दरअसल, नयी कार्ययोजना को लेकर पुल निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग और एनएच के अधिकारी एक-दूसरे पर काम की जवाबदेही बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। .

एनएच के कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने बताया कि उनके पास पुल की कोई जानकारी नहीं है। पुल की सारी जानकारी पुल निर्माण निगम के पास है। विभागीय आदेश के मुताबिक विक्रमशिला पुल और पहुंच पथ को एनएच में शामिल किया गया है।

मगर अब भी पुल का हिस्सा पुल निर्माण निगम और पहुंच पथ का हिस्सा पथ निर्माण विभाग के पास ही है। स्थानीय स्तर पर हैंडओवर की प्रक्रिया नहीं हो पायी है। उधर, चार माह पूर्व ही पुल निर्माण निगम की ओर से 1700 करोड़ की डीपीआर बनाकर मंत्रालय को भेजी गयी। मगर, अब तक उस पर काम नहीं हुआ है।

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पुल निर्माण निगम के सचिव जीएन झा ने बताया कि डीपीआर पर अब तक सहमति नहीं मिली है। मंत्रालय से आने वाली टीम को लेकर भी कोई सूचना नहीं है। हालांकि भू-अर्जन विभाग द्वारा पुल के लिए चिह्नित जमीन का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण का काम चल रहा है। .

पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना पदाधिकारी रामसुरेश राय ने बताया कि मंत्रालय से आने वाली टीम डीपीआर के आधार पर निरीक्षण करेगी। टीम की सहमति के बाद ही डीपीआर को मंजूरी मिल पायेगी। उधर, लोहिया पुल की भी हैंडओवर की प्रक्रिया नहीं हुई है। पथ निर्माण विभाग का यह पुल अब एनएच को चला गया है। इसके बाद भी डेढ़ माह पूर्व पथ निर्माण विभाग ने पुल के उपरी हिस्से पर अलकतरा का काम कराया था। मगर पूरी मरम्मत एनएच ही करेगा। .