इस बार 15 अगस्त का दिन बहुत खास है। 19 साल के बाद स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन एक साथ मनाने का योग बना है। इससे पहले यह संयोग 2000 में बना था। बहनें सिद्धि योग में भाइयों को रक्षा सूत्र बांधेंगी। गौशाला मंदिर के पंडित दयानंद पाण्डेय ने बताया कि श्रवण नक्षत्र में ही पंचक की शुरुआत होती है। .

इस नक्षत्र में किया गया शुभ कार्य, रक्षा बंधन, झूलन की समाप्ति को बहुत शुभ माना गया है। गुरुवार के दिन होने के कारण भी इसका महत्व बढ़ जाता है। गंगा स्नान, शिव पूजन व विष्णु पूजन करने से आयु, अरोग्य, विद्या-बुद्धि सहित हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

उन्होंने बताया कि श्रवण नक्षत्र प्रात: 8:01 बजे तक ही है। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र आ जाएगा, इसीलिए रक्षा बंधन का कार्य शाम चार बजे से पहले करना चाहिए। गुरुवार को पूर्णिया तिथि व श्रवण नक्षत्र के मिलने से सिद्धि योग बन रहा है।

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इस दिन पूर्णिमा शाम 4:23 बजे तक रहेगा। बाजार में राखियों की दुकानें सज गई हैं। वहीं डाकपाल सुमन ने बताया कि संबंधित शहरों की राखियों को अलग-अलग बैग में करके पार्सल किया जाएगा। अभी तक राखी के लिए स्पेशल लिफाफा विभाग में नहीं आया है। .