बीते 6 सितंबर को सवर्णों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान मधेपुरा सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव पटना से मधुबनी जा रहे थे जब मुजफ्फरपुर में बंद समर्थकों के द्वारा उन पर हमला किए जाने की खबर सामने आई.

पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि बंद समर्थकों ने उनकी हत्या करने की कोशिश की जिसमें मुजफ्फरपुर के एसएसपी हरप्रीत कौरभी शामिल थीं. पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि जिस वक्त बंद समर्थक उन पर हमला कर रहे थे उन्होंने मुजफ्फरपुर SSP को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने नहीं उठाया.

पप्पू यादव के इसी आरोप का जवाब देते हुए हरप्रीत कौर ने रविवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा और पप्पू यादव को जमकर खरी खोटी सुनाई. फेसबुक पोस्ट में हरप्रीत कौर ने पप्पू यादव से सवाल पूछा कि अगर उनके ऊपर बंधु प्रवर्तकों ने हमला किया था तो उन्होंने इस को लेकर कोई प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई?

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हरप्रीत कौर ने कहा कि पुलिस को पप्पू यादव और बंद समर्थकों के बीच हुई बातचीत का एक वीडियो प्राप्त हुआ है, मगर उसमें उन पर हमले जैसी कोई भी बात नहीं है. हरप्रीत कौर ने सवाल पूछा कि अगर पप्पू यादव के साथ बंद समर्थकों ने मारपीट की और उन पर हम जानलेवा हमला किया तो इस संबंध में उन्होंने कोई साक्ष्य पुलिस या मीडिया के सामने क्यों नहीं रखा है?

पप्पू यादव के पुलिस एस्कॉर्ट न दिए जाने के आरोप भी हरप्रीत कौर ने जवाब दिया और कहा कि 6 सितंबर को उनका मुजफ्फरपुर में कोई कार्यक्रम नहीं था जिसकी वजह से ऐसा नहीं किया गया. हरप्रीत कौर ने कहा कि पप्पू यादव का यह आरोप कि वह उनकी हत्या की साजिश में शामिल थीं बेबुनियाद और तथ्यहीन है.

पप्पू यादव पर तंज कसते हुए हरप्रीत कौर ने आगे लिखा कि वह 6 सितंबर को मधुबनी से नारी बचाओ आंदोलन को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं, महिलाओं के हितों का रक्षक बता रहे हैं, मगर दूसरी तरफ एक महिला अधिकारी के संबंध में मीडिया में अमर्यादित और असंसदीय टिप्पणी कर रहे हैं.