मधेपुरा। जिले में शिक्षा विभाग की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। पिछले छह सालों से सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। स्कूल में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है। यहां मिडिल स्कूल के शिक्षक ही हाईस्कूल के बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

दरअसल, जिले के 98 उत्क्रमित हाईस्कूलों में वर्ष 2013 से अब तक शिक्षकों की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर जिले की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी सिस्टम पर सवाल उठ रहा है। खास बात तो ये है कि जिले के 13 प्रखंडों में दो चरणों में कुल 98 उत्क्रमित हाई स्कूलों की स्थापना हुई। बावजूद इसके आज तक जिले में ऐसे हाई स्कूलों में शिक्षक की पदस्थापना नहीं हो सकी है। इससे कुल 58 हजार 8 सौ बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है।

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत भीखा शांति कुंज उत्क्रमित हाई स्कूल का हाल भी बुरा है। यहां पिछले 6 वर्षों से अब तक स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं हैं। यह तस्वीर बताने के लिए काफी है कि इस इलाके में स्कूली शिक्षा केवल एक मजाक बनकर रह गया है। हैरान करने वाली ये है कि यहां मध्य विद्यालय के शिक्षक ही पिछले 6 वर्षों से हाई स्कूल के बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं।

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इस मामले को लेकर जब मधेपुरा डीएम नवदीप शुक्ला से सवाल किया गया तो डीएम साहब ने भी मामले को गंभीर बताया। हालांकि डीएम ने जल्द इस दिशा में शिक्षा विभाग की मीटिंग बुलाकर इन गंभीर मसलों पर विचार करने की बात कही। डीएम ने आश्वासन दिया कि तत्काल कुछ शिक्षक की पदस्थापना की जाएगी। वहीं, शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया पर भी जल्द विचार किया जाएगा।