पारा 41 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। उमस के साथ धूप का कहर ऐसा कि मानो आसमान से आग बरस रही हो। हालांकि पूर्वी बिहार में अभी तक स्थिति उतनी घातक नहीं हुई जितनी पटना और गया की है, लेकिन जो हालात हैं उसके अनुसार एहतियात जरूरी है। वरना इस स्थिति में भी सेहत बिगड़ सकती है। यही कारण है कि प्रशासन की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है कि जितना संभव हो सके लोग हीट वेब से बचें।.

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो हीट वेब यानी लू का असर देखा जा रहा है। इसलिए दिन के 11 बजे से शाम के चार बजे के बीच किसी घर के अंदर या ठंडे जगह पर रहना ज्यादा अच्छा है। बच्चों के स्कूल बंद हैं, लेकिन ध्यान यह भी रखना है कि घर में रहते हुए भी बच्चे धूप में या लू की चपेट में न आएं। .

जानकारों का कहना है कि कामकाजी लोग काम पर जाएं, लेकिन तमाम एहतियात के साथ। घर के बाहर निकलने वाले लोग चेहरे या बदन पर कपड़े रखें, फुल स्लीव कपड़े, गॉग्लस का इस्तेमाल, भरपूर पानी का इस्तेमाल करें, नमक और चीनी या ओआरएस का घोल आदि बीच बीच में लेते रहें तो बेहतर है।

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परिजन मौत का कारण लू बता रहे हैं। पंडित की मौत शाहकुंड पीएचसी ले जाने के क्रम में हो गई। डॉ. जयप्रकाश सिंह ने बताया कि लू से मौत की आशंका है लेकिन जबतक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलती, तबतक कुछ नहीं बताया जा सकता। सीओ जयप्रकाश ने बताया कि परिजन द्वारा जबतकरिपोर्ट दर्ज नहीं करायी जाती और पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता तबतक कुछ नहीं कहा जा सकता। मुखिया कामोदा देवी ने मौत का कारण लू ही बताया है। .

मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने बताया कि लू लगने की स्थिति में 24 घंटे इमरजेंसी में तीन वरीय व आधा दर्जन जूनियर डॉक्टरों की फौज तैनात हैं। इसके अलावा 10 नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है। लू लगने की स्थिति में स्लाइन में एनएस, आरएल व ऑनडेम का इंजेक्शन व दवाओं में पैरासिटामॉल, ओआरएस पाउडर की जरूरत पड़ती है। इमरजेंसी में हर वक्त यह उपलब्ध है। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा कि रेफरल अस्पताल सुल्तानगंज, नाथनगर, पीरपैंती समेत जिले के सभी अस्पतालों में लू लगने की आपात स्थिति में दवा-इंजेक्शन व स्लाइन की पर्याप्त व्यवस्था है।