टीएमबीयू के पीजी अंग्रेजी विभाग के पूर्व हेड डॉ. अजीत कुमार मिश्रा की पुत्री व सीनियर आईएएस अधिकारी अपराजिता सारंगी ने जनता की सेवा के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी है। वह भाजपा में शामिल हो गईं हैं।
वह ओडिशा कैडर की अधिकारी थीं और वर्तमान में केन्द्र सरकार में मनरेगा के संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थीं। पिछले दिनों उन्हें फिर से ओडिशा कैडर में सेवा देने के लिए भेजा गया, लेकिन उन्होंने वहां पद संभालने के बदले ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। 27 नवंबर को उन्होंने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। उनकी मां कुसुम मिश्रा भी भागलपुर के क्राइस्ट चर्च स्कूल में शिक्षिका थीं।
अपराजिता सारंगी के पति संतोष कुमार सारंगी भी ओडिशा कैडर में अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि पति और दो बेटियों के हामी भरने के बाद ही उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि अधिकारी के रूप में वह किसी एक विभाग के दायरे तक सीमित रहती थीं, लेकिन अब उनके पास विस्तृत क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में काम करने के दौरान वह कई राज्यों में घूमीं, लेकिन उन्होंने देखा कि ओडिशा काफी गरीब है। वहां के विकास के लिए ही उन्होंने ऐसा फैसला लिया है। अगले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने की इच्छा के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में वह काम करना चाहती हैं।
पहले ही प्रयास में मिली थी सफलता
माउंट कार्मल से स्कूली शिक्षा लेने के बाद अपराजिता ने एसएम कॉलेज से स्नातक पास की। वह 1994 में आईएएस के पहले ही प्रयास में सफल रहीं। उनके साथ उनके छोटे भाई सुजीत कुमार मिश्रा ने भी परीक्षा दी थी और वह आज रेलवे भर्ती बोर्ड पटना में अध्यक्ष हैं। उनकी सबसे छोटी बहन दिल्ली में एक मीडिया हाउस में हैं। अपराजिता के पिता डॉ. अजीत कुमार मिश्रा शिक्षक संघ और भागलपुर के अन्य संगठनों में काफी सक्रिय रहे हैं, लेकिन उनके घर से कोई भी किसी राजनितक पार्टी से जुड़कर सक्रिय राजनीति में नहीं रहे। पीजी अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि स्मिता बचपन से ही काफी तेज थीं। वह पढ़ाई के साथ अन्य क्षेत्रों में भी काफी सक्रिय रहती थीं। डॉ. अजीत कुमार मिश्रा का 2003 में और उनकी पत्नी कुसुम मिश्रा का 2001 में देहांत हो गया था।