कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में कोरोना का वायरस संक्रमितों के लिए और खतरनाक हो चला है। तीन सप्ताह में ही कोरोना संक्रमण की तीव्र रफ्तार न केवल जिले में कोरोना के ग्रॉफ को बढ़ा रहा है बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो कोरोना के म्यूटेशन के बाद कोरोना संक्रमितों की संपर्क में आये लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही कोरोना म्यूटेशन के कारण संक्रमितों के फेफड़े को तेजी से संक्रमित कर रहा है। जिससे संक्रमितों में सांस लेने की समस्या आदि परेशानी बढ़ रही है और लोग अस्पताल में भर्ती होने को मजबूर हो रहे हैं।

कुल मामले में से 28.98 प्रतिशत कोरोना संक्रमित पहुंचे अस्पताल

भागलपुर जिले में बीते छह दिन (एक अप्रैल से लेकर छह अप्रैल के बीच) कोरोना के 207 नये मामले जांच में पाये गये। इनमें से 28.98 प्रतिशत यानी 60 लोगों की हालत ऐसी खराब हुई कि उन्हें इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मंगलवार को मायागंज अस्पताल के आईसीयू में 24 तो एमसीएच कोरोना आइसोलेशन वार्ड में 24 मरीज भर्ती थे। इनमें से तीन कोरोना संक्रमितों की तो मौत हो गयी, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है। इसके अलावा सदर अस्पताल के कोविड केयर सेंटर में भी तीन कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। वहीं अगर जनवरी से 14 मार्च के बीच की बात करें तो इस दौरान जिले में कोरोना के 219 नये मामले पाये गये। इनमें से महज 19 कोरोना संक्रमितों (8.67 प्रतिशत) को ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

तेजी से संक्रमित हो रहा फेफड़ा, ऑक्सीजन लेवल हो रहा कम

एमसीएच कोरोना आइसोलेशन वार्ड के नोडल प्रभारी डॉ. ओबेद अली ने बताया कि मायागंज अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों का सिटी स्कैन व एक्सरे आदि कराया गया तो पता चला कि कोरोना संक्रमितों का फेफड़ा संक्रमित है। इसके अलावा जो मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं, उनमें सांस लेने में दिक्कत व ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल (एसपीओटू) में तेजी से गिरावट आ रही है। डॉ. अली का कहना है कि ऐसे में अब लोगों को कोरोना को लेकर और सतर्क होने की जरूरत है। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

Whatsapp group Join