पटना जिले के करीब सात सौ कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच शुक्रवार से होगी। कोचिंग संस्थान नियमानुसार संचालित हो रहे हैं या नहीं, अधिकारी इसकी भी जांच करेंगे। वैसे तो इसकी जांच एसडीओ और अग्निशमन अधिकारियों को सौंपी गई है लेकिन इसमें प्रत्येक अनुमंडल में दो कार्यपालक दंडाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। अगले एक सप्ताह में कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट अधिकारियों को डीएम को सौंपनी है। सूरत में एक कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद पटना जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

पटना सदर और पटना सिटी अनुमंडल में लगभग साढ़े चार सौ छोटे-बड़े कोचिंग संस्थान हैं। इसके बाद दानापुर में सौ, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज अनुमंडल में 50-50 कोचिंग संस्थान हैं, जिनकी जांच होनी है।

डीएम कुमार रवि द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया है कि जिस भवन में कोचिंग संस्थानों को संचालित किया जा रहा है, वहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता है या नहीं। भवन में फायर सिस्टम है या नहीं। इमरजेंसी दरवाजा, अलार्म, सीसीटीवी कैमरे, एक कमरे में कितने छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है। कोचिंग का भवन कितना एरिया में है।

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डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि अपने स्तर से टीम गठित कर जांच कराएं कि कितने कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जो बगैर रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। ऐसे कोचिंग संस्थानों पर नियमानुसार कार्रवाई करें। डीएम ने सभी एसडीओ को निर्देश दिया है कि खतरनाक ज्वलनशील पदार्थ रखने वाले गोदामों को चिह्नित कर यह सुनिश्चित करें कि ऐसे गोदाम सुदूर इलाके में हो। भीड़भाड़ वाले इलाकों में खतरनाक ज्वलनशील पदार्थ रखने वाले गोदाम मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई करें।