सहरसा : बिहार के सहरसा की बेटी आकांक्षा नेहा ने पोलैंड के राष्ट्रपति निवास के रिकार्ड बुक में हस्ताक्षर कर सहरसा ही नहीं बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है. मूल रूप से सहरसा के प्रतापनगर की रहने वाली आकांक्षा के माता-पिता प्रोफेसर हैं. अरविंद कुमार सिंह और रीना सिंह की बेटी आकांक्षा को बिजनेस लॉ में विशिष्ट अंक प्राप्त करने पर पोलैंड के राष्ट्रपति निवास जाने का मौका मिला.

आकांक्षा की इस उपलब्धि और कामयाबी से परिवार के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. पिता प्रोफेसर अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि उनकी बेटी आकांक्षा नेहा ने 2008 में सहरसा के ही संत जेवियर स्कूल से सीबीएसई दसवीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद वह जमशेदपुर से प्लस-टू और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से कॉरपोरेट इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली.

ग्रेजुएशन के बाद आकांक्षा ने जी-मेट की परीक्षा पास की और लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए (फाइनेंस) में डिग्री ली. एमबीए पूरा करते ही आकांक्षा को वारसा के सिटी बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर की नौकरी मिली.

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आकांक्षा नेहा ने काम करते हुए निसिनजकर स्कूल ऑफ एजुकेशन और एडमिस्ट्रेशन संस्थान से बिजनेश लॉ में एमए की. इस परीक्षा में उसने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया. सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के कारण उसे पोलैंड के राष्ट्रपति निवास में रखे रिकार्ड बुक में हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रित किया गया. आकंक्षा का हस्ताक्षर दशकों तक उसमें संग्रहित कर रखा जाएगा.

आकांक्षा नेहा ने रिकार्ड बुक में अपने नाम के साथ इंडिया और सहरसा भी लिखा. बेटी की कामयाबी से रीना सिंह काफी खुश हैं. आकांक्षा के मामा डॉ. प्रभात भाष्कर का कहना है कि मेहनत और लगन से कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है. आकांक्षा आम छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत है. आकांक्षा की कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है.