सुपौल-अररिया रेलखंड के लिए कार्यारंभ करने के लिए एस्टिमेडेड कॉस्ट 1605.17 करोड़ रुपया आवंटित किया गया है। राशि आवंटित हो जाने के बाद अब भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया जायेगा। इसके लिए बिहार सरकार भूमि अधिग्रहण का काम करेंगी। आवंटित राशि से मिट्टी का काम और पटरी बिछाने का काम 1421.87 करोड़ की लागत से करायी जायेगी।

इसके अलावा सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन का काम 68.44 लाख, इलेक्ट्रिक का काम 24.70 लाख और टेक्निकल विद्युत कार्य 90.16 लाख रुपये की लागत से करायी जायेगी। गौरतलब है कि सुपौल-अररिया 95 किमी लंबी रेलखंड के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। यह रेल लाईन पिपरा, त्रिवेणीगंज, जदिया, रानीगंज होते हुए अररिया तक बिछायी जायेगी। सुपौल से पिपरा के बीच यह रेल लाईन खरैल, चैनसिंहपट्टी, सिसौनी, पथरा, जोलहनिया, गिदराही, कटैया मिलिक, दिनापट्टी, थुमहा, कटैया माहे, अमहा होते हुए पिपरा जायेगी।

सुपौल-पिपरा के बीच 360 एकड़ जमीन होगा अधिग्रहण

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सुपौल से पिपरा के बीच 21 किमी में 360 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। इसमें लगभग 18 मौजा से यह रेललाईन गुजरेगी। इसके लिए भूअर्जन विभाग से 136 करोड़ 35 लाख रुपये का डिमांड किया गया था। डिमांड नहीं रहने के कारण भूमि अधिग्रहण का काम लंबित पड़ा था। लेकिन अब आवंटन आ जाने के बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया जायेगा।

रेलमंत्री को ऊर्जा मंत्री ने लिखा था पत्र

सामरिक दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण माने जाने वाले इस रेलखंड पर काम चालू कराने के लिए बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने 27 जून को रेलमंत्री को पत्र लिखा था। राशि आवंटन की सूचना भारत सरकार के रेल मंत्रालय इंजीनियरिंग बोर्ड के सदस्य सह सचिव एमके गुप्ता ने 2 जुलाई को ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव को इसकी जानकारी दी।