बाल पर्यवेक्षण गृह में दोस्तों ने ही बच्चों को पिस्टल पहुंचाया था। पिस्टल मिलने के 15 मिनट बाद ही बच्चों ने बुधवार को हाउस फादर व एक बच्चे की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद पांचों बच्चे गेट के बाहर खड़ी लाल कार में सवार होकर भाग गए।

पांचों बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज

दोहरे हत्याकांड में केहाट थाने में बाल पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक एहसानुल आलम ने गुरुवार को पांचों बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि पांचों बच्चों को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। उधर, जिला जज ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक बच्चों को शाम 5:15 बजे पिस्टल मिली। इसके बाद पांचों बच्चों ने तेजी से कपड़े पहने और सभी कमरों में घुसकर पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक एहसानुल आलम, हाउस फादर विजेंद्र कुमार और उस बच्चे को खोजने लगे जिसने कोरेक्स मिलने की शिकायत की थी।

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हॉल में खड़े बच्चों पर जब इन पांचों की नजर पड़ी तो वह इनलोगों की हरकत को देखकर हाउस फादर के पास जाकर खड़े हो गए और उनसे कहा कि ये पांचों बच्चे फिर मारपीट करेंगे। जब तक हाउस फादर कुछ समझ पाते, पांचों बच्चे आए और 5:30 बजे हाउस फादर के सिर में गोली मार दी।

गोली लगते ही वह नीचे गिर पड़े। इसे देख बाकी बच्चों के होश उड़ गए और वह भागकर बेड के नीचे छिप गए। हाउस फादर को गोली मारने के बाद पांचों बच्चों ने बेड के नीचे छिपे उस बच्चे को बाहर निकाला, जिसने शिकायत की थी। उसे एक गोली छाती में और दूसरी गर्दन में मारी। बाल गृह के एक बच्चे ने बताया कि पांचों आरोपी बच्चे पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक को खोज रहे थे।

बसंत विहार के किसी व्यक्ति की है लाल कार

बाल पर्यवेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था यदि दुरुस्त होती तो पांचों बच्चे पकड़े जा सकते थे। गोलीबारी करने के बाद पांचों बच्चे आराम से पिस्टल लहराते हुए मेन गेट तक पैदल आए और वहां खड़ी लाल रंग की कार में सवार होकर भाग गए।

यह कार किसकी है और किधर गई, इसकी जानकारी अब तक किसी को नहीं मिल पाई है। सूत्रों की मानें तो यह कार मरंगा थाना क्षेत्र के बसंत विहार के रहने वाले किसी व्यक्ति की है, जो अक्सर अपराध की घटना को अंजाम देने के लिए उपयोग में लायी जाती है।