एनएच-31 पर नवगछिया अनुमंडल के नारायणपुर से रंगरा तक बेलगाम वाहन मौत बनकर दौड़ रहे हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन वाहनों की गति पर रोक लगाने के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। इस कारण आए दिन सड़क हादसे में लोगों की जान जा रही है। हर वर्ष नवगछिया की में औसतन 150 लोगों की जानें सड़क हादसे में जा रही हैं। वहीं सैकड़ों लोग अपंग हो जाते हैं। मार्च माह के बीते 15 दिनों के आंकड़े को देखा जाय तो 6 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो चुकी है। जबकि एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सड़क दुर्घटना में हुई बढ़ोतरी के बाद यात्री भयभीत हैं। नवगछिया की सड़कों पर वाहनों का अनियंत्रित वेग से परिचालन होना और ओवर टेकिंग करना दुर्घटना का मुख्य कारण है। आए दिन ओवरटेक के कारण दुर्घटना होती है।

नवगछिया में ये हैं दुर्घटना के डेंजर जॉन

एनएच 31 पर नारायणपुर प्रखंड ने छतीशनगर चौक, नवोदय विद्यालय चौक, इंदिरा मंच चौक, बिहपुर प्रखंड में महंत स्थान चौक, बगड़ी रेलवे ओवरब्रिज, खरीक में खरीक चौक, चकमैदा ढाला, नवगछिया प्रखंड में जीरोमाइल, पुल पहुंच पथ पर मिलन चौक, जगतपुर के टेक्नॉमिशन स्कूल के पास, जहान्वी चौक, गोपालपुर प्रखंड में गोपी ढाबा के पास, रंगरा चौक प्रखंड में टावर चौक, मुरली चौक, मदरौनी चौक, रेलवे ओवरब्रिज चापर ढाला दुर्घटना का डेंजर जॉन है। इन स्थानों पर ही दुर्घटनाएं होती हैं।

आज से हाई स्पीड वाहन चालकों से वसूला जाएगा जुर्माना

सड़क हादसों को लेकर पुलिस गंभीर है। सड़क दुर्घटना नियंत्रित हो इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय से नवगछिया पुलिस जिला को स्पीड मापक यंत्र मिला है। रविवार को नवगछिया एनएच 31 पर यंत्र लगाकर हाई स्पीड चलने वाले वाहनों को चिन्हित किया जाएगा। ऐसे वाहन चालकों से जुर्माना वसूला जाएगा। -निधि रानी, एसपी, नवगछिया

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अनुमंडल में हर साल 150 से अधिक लोग हो रहे हैं सड़क हादसों के शिकार

नवगछिया की सड़कों पर दुर्घटना नहीं होने का एक कारण यह भी है कि सड़क का मेंटनेंस नियमित नहीं होता है। नवगछिया पुलिस जिला में 45 किलोमीटर एनएच 31 सड़क है। जबकि 30 किलोमीटर पुल पहुंच पथ है। अधिकतम दुर्घटना इन्हीं दोनों सड़कों पर होती है। इन सड़कों पर दुर्घटना होने का कारण यह है कि सड़क लंबी होने के बाद काफी चिकनी है। लेकिन बीच में कहीं-कहीं सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसकी मरम्मत एनएचएआई द्वारा तत्काल नहीं कराया गया है। बेहतर सड़क के बीच अचानक गड्ढे जाने से वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं और हादसा होता है।

एनएचएआई के अफसर भी नहीं देते हैं इस ओर ध्यान

एनएच 31 पर होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटना एनएचएआई के पदाधिकारी के सक्रिय होने से रोका जा सकता है। एनएच पर जहां जहां दुघर्टना होती है उन स्थलों को चिह्नित कर वहां स्पीड ब्रेकर और क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कर सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सकती है। लेकिन न तो एनएचएआई के द्वारा सड़कों की नियमित मॉनिटरिंग की जाती है न ही दुर्घटना को रोकने के लिए कोई पहल।