नवगछिया : हाड़ कंपाने वाली ठंड जारी रहेगा। अधिकतम तापमान में और गिरावट होने की वजह से दोपहर में भी कनकनी का एहसास होगा। फिल वक्त ठंड से राहत का आसार नहीं है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के ग्रामीण मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार की मानें तो शुक्रवार को अधिकतम तापमान 21.5 न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 95 प्रतिशत आद्रता के साथ 4.5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवा चल रही है। अधिकतम तापमान में और गिरावट होगा जिससे दिन में भी ठंड बढ़ेगी। सुबह शाम कोहरा छाया रहेगा। नववर्ष एक जनवरी को भी कड़ाके की ठंड पड़ेगी।

उधर ठंड के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। मजदूर सुबह समय पर काम के लिए नहीं जा पा रहा है जिससे उनकी आर्थिक रोजमरऱा की स्थिति लड़खड़ाते जा रही है। आम लोग भी जहां देर से घर से निकलते हैं वहीं शाम होते होते घर आ जा रहे हैं। सात बजते बजते ही चौक चौराहे पर सन्नाटा पसर जाता है।

पश्चिमी विक्षोभ का असर अब जनजीवन को प्रभावित करने लगा है। बुधवार की देर रात से 3.6 किलोमीटर की गति से चल रही बर्फीली पश्चिमी हवा ने ठंड को जानलेवा बना दिया है। एक दिन पूर्व की तुलना में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में क्रमश 0.6 एवं 0.2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। गुरूवार को बीएयू में मौसम विभाग में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश 21.6 एवं 5.0 रिकार्ड किया गया है। पूर्वानुमान में बताया गया है कि अभी अगले तीन-चार दिनों तक ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। दिन के तापमान में गिरावट आने से अब लोग धूप में भी अपनी टोपी और मोफलर उतार नहीं पा रहे हैं। पिछले 10 वर्षो के तापमान पर नजर डाले तो 27 दिसंबर को सबसे ज्यादा ठंड 2015 में रही थी। उस समय अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश 21.0 एवं 4.2 डिग्री सेल्सियस रहा था।

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कब बंटेगा प्रशासन का कंबल?

ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के झुग्गी-झोपडिय़ों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब ठंड से ठिठुर रहे हैं। पर अब तक सामाजिक न्याय की सरकार का ठंड जैसी आपदा का दंश झेल रहे इन गरीबों की ओर नजर नहीं पड़ी है। प्रशासन का कंबल कब बंटेगा यह व्यवस्था पर एक सवालिया निशान है। जिला प्रशासन की माने तो अब तक इस मद में सरकार से कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है।

राशि आवंटित पर नहीं जल रहा अलाव

जिला आपदा प्रबंधन ने अलाव जलाने के लिए सरकार से प्राप्त राशि का वितरण अंचल प्रशासन के बीच कर दी है। सीओ को जरूरतमंद स्थानों पर अलाव जलवाने की दिशा में निर्देश भी दिए गए हैं। पर अब तक कहीं किसी चौक-चौराहे और महादलित टोलों में अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है।

लकड़ी की बढ़ी कीमत, कचरा जला रहे गरीब

ठंड बढ़ते ही बाजारों में जलावन लकड़ी की कीमत बढ़ गई है। दो दिन पूर्व तक जो जलावन वाली लकड़ी आठ रुपये किलो बिक रही थी वह अब 10 से 12 रुपये प्रति किलो हो गया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब खुद को ठंड से बचाव के लिए कचरा जला रहे हैं। बाजारों में भी रोजमर्रे की जिंदगी जी रहे मोटिया मजदूर अपने कार्य स्थल पर कूड़ा-कचरा व दुकानदारों से फटे-पुराने कूट के कार्टून मांग कर जला रहे हैं।

बीएयू मौसम विभाग सबौर के नोडल पदाधिकारी प्रो. बीरेंद्र कुमार ने कहा कि अभी चार दिनों तक ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है। तापमान में थोड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है। दिन में धूप खिलेगी। पर बारिश की कोई संभावना नहीं है।