नवगछिया.: महिला सशक्तीकरण और प्लास्टिक बैन का संदेश लेकर दो युवा देश को जागरूक करने के लिए साईकिल यात्रा पर निकले हैं. महाराष्ट्र के ये दोनों युवाओं ने इस बार अरुणाचल प्रदेश से गुजरात की 3900 किमी की यात्रा तय कर रहे हैं. दोनों युवा किशनगंज, पूर्णिया होते हुए नवगछिया पहुंचे थे, जहां से शुक्रवार को दोनों बेगूसराय की ओर निकल गए.

-साइकिल से ही अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक की 3900 किमी यात्रा करेंगे

-शुक्रवार को नवगछिया से आगे की यात्रा पर निकले
-सयाली और अभिजीत पुणे महाराष्ट्र के रहनेवाले

-35 दिन में आठ राज्यों में 4000 किमी दूरी तय की थी

सयाली मिलिंद महाराव पहले भी कश्मीर से कन्याकुमारी तक की 4000 किमी यात्रा महज 35 दिन में पूरी कर चुकी है. महाराष्ट्र के पुणे की सयाली अपनी पिछली यात्रा में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर निकली थी. उनके अनुसार देश के उत्तर से दक्षिण की यात्रा पूरी की थी, इसलिए इस बार पूर्व से पश्चिम की यात्रा पर निकले हैं.

इस बार उनका साथ दे रहे हैं मूलत: मुंबई निवासी हॉकी प्लेयर अभिजीत बालु गवली. दोनों युवा 20 वर्ष के हैं और पुणे में पढ़ाई करते हैं. साथ ही दोनों 36 एमएएच बीएन राष्ट्रीय छात्र सेना के भी सदस्य हैं. सयाली बीए सेकेंड इयर की छात्रा हैं, जबकि अभिजीत बीसीए थर्ड इयर के छात्र हैं. सयाली के पिता मुंबई महानगरपालिका से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि अभिजीत के पिता क्लर्क हैं. इस यात्रा के संबंध में परिवार का सपोर्ट और प्रेरणा के सवाल पर सयाली ने कहा कि वह पांच साल से साइकलिंग कर रही है. साइकलिंग से देश की यात्रा पर निकलना उद्देश्य था और साथ ही जरुरी विषय पर लोगों को जागरूक करना. अभी रास्ते में यात्रा के दौरान रुककर दोनों स्कूलों में जाते हैं और बच्चों से इंटैरेक्शन करते हैं.

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कई कठिनाइयां और चुनौती, लेकिन मिल रहा सपोर्ट भी

दोनों युवाओं ने बताया कि यात्रा में फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती कड़ाके की ठंड है. 10 डिग्री में भी उन्हें सुबह-सुबह साइकिल राइडिंग करनी पड़ रही है. नवगछिया बाजार के होटल  में  रात्रि विश्राम किया था. यहां विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष प्रवीण भगत ने शुक्रवार सुबह दोनों को शुभकामनाएं देकर विदा किया. युवाओं ने कहा कि फ्री रनर चैरिटेबल ट्रस्ट, शुआनान, इंस्पायर क्रू, ओजोन वेंचर, स्टेपअप आदि संस्था की ओर से उन्हें साईकिल आदि सपोर्ट दिया. रास्ते में इन संस्थाओं के बाइकराइडर्स सपोर्ट करते हैं. सांझ ढलने या अन्य किसी भी तरह की कठिनाई में पिक-अप कर लेते हैं.