नवगछिया : पिछले दिनों एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने वाला भवानीपुर निवासी विकास यादव उर्फ छबीला यादव नवगछिया पुलिस का फरारी था. पुलिस के डर से वह कटिहार के मधेली गांव स्थित अपने ससुराल में छिप कर रहता था. बता दें कि छबीला यादव सत्तन यादव का पुत्र है और कुख्यात स्व मुनील यादव का सगा भाई है. छबीला यादव अपने भाई मुनील की आपराधिक विरासत को ही संभाल रहा था.

छबीला यादव इन दिनों अपने गिरोह को नया आकार दे चुका था. विनोद यादव की हत्या के बाद दो गुटों में बंटे आपराधिक गिराहों में छबीला यादव एक गुट का प्रतिनिधित्व करता था. जानकारी मिली है कि इन दिनों छबीला यादव गिरोह की सांठ गांठ चापर निवासी  गिरोह से थी. छबिला गिरोह का चिरप्रतिद्वंदी कुमोदी यादव और उसके गिरोह को माना जाता है.

कुमोदी यादव फिलहाल राजद नेता बाहुबली विनोद यादव हत्याकांड में जेल में है. छबीला के दुस्साहस का पता इसी से लगाया जा सकता है कि इसी वर्ष तीन मई को भवानीपुर गांव के डीलर रामचंद्र साह की हत्या नवगछिया थाना चौक पर थाने से महज सौ मीटर की दूरी पर कर दी थी. इसके बाद से छबीला यादव नवगछिया पुलिस के टॉप टारगेट पर था. जिले से बाहर रह कर गिरोह को संलाचित करने के कारण यहां की पुलिस के हाथ उसके गिरेहबान तक नहीं पहुंच पाते थे. छबीला यादव रंगरा थाने केकुल सात मामलों में आरोपी रहा है. जानकारी मिली है कि नवगछिया टाउन थाना के अलावा छबीला यादव रंगरा ओपी पुलिस का भी वांछित था. रंगरा ओपी थाना क्षेत्र में भी छबीलाल यादव लूट, हत्या, राहजनी जैसे जघन्य वारदातों में वांछित था.

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रंगरा और नवगछिया पुलिस कर रही है छापेमारी

पुलिस को आशंका है कि छबीला की हत्या के बाद दाह संस्कार और अंतिम कर्म करने ब्रजेश यादव और उसके गिरोह के सदस्य जरूर भवानीपुर गांव या फिर कटिहार स्थित छबीला के ससुराल में जमा होंगे. इसी आशंका से रंगरा और नवगछिया पुलिस देर रात तक छापेमारी कर रही थी. नवगछिया के थानाध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि छबीला के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है. हालांकि हत्या कटिहार जिले में हुई है लेकिन छबीला की हत्या किसने की यह पता लगाया जा रहा है.