खरीक : खरीक में कोसी नदी किनारे बसे सिंहकुंड और भवनपुरा गांव के कोसी नदी में समाने का डर बढ़ गया है। यहां कोसी तेजी से कटाव करते हुए गांवों के करीब आ पहुंची है, जिसमें मंगलवार को सिंहकुंड के दस घर जमींदोज हो गए। बाकी बचे घर भी कटाव के मुहाने पर आ गए हैं। भय से कई लोग गांव छोड़कर भाग खड़े हुए हैं।

पिछले एक माह में सिंहकुंड और भवनपुरा में दर्जनों घर और सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन कोसी में समा चुकी है। ग्रामीणों द्वारा अपने गांव को बचाने के लिए लगातार जद्दोजहद किया जा रहा है। लेकिन कटाव थम नहीं रहा। जल संसाधन विभाग तमाशबीन बना है। खरीक के लोकमानपुर, मैरचा, रतनपुरा, बालू टोल और बिहपुर के कहारपुर और गो¨वदपुर गांव में भी कोसी कहर ढा रही है। हर तरफ दहशत का माहौल है। कटाव के चलते किसान भूमिविहीन हो गए।

अनाज उपजाने वाले किसानों के समक्ष ही भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है। भवनपुरा और चोरहर के बीच कोसी नदी पर बना पक्का पुल भी कटाव की जद में आता जा रहा है। पुल को बचाने के लिए भी ग्रामीण खुद श्रमदान कर रहे हैं। भवनपुरा पंचायत के मुखिया बिनीत कुमार सिंह ने कहा कि कटाव के आगे विभागीय अधिकारियों ने घूटने टेक दिए हैं।

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हमलोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। गांवों और पुल को बचाने के लिए हमलोग हर दिन खुद पसीना बहा रहे हैं। जिला पार्षद गौरव राय ने कहा कि विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार से बात कर सिंहकुंड में बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया गया। अंचलाधिकारी से बात कर कटाव पीड़ित परिवारों को हर संभव सरकारी सहायता देने को कहा है