नगर निगम की दो महिला कर्मी सहित तीन कर्मचारी गुरुवार को आपस में उलझ गए। हाथापाई भी हुई। सूचना मिलने पर नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने पूरे मामले की छानबीन की और प्रथम दृष्टया दोषी पाकर टैक्स शाखा प्रभारी शंकराचार्य को निलंबित कर दिया। वहीं रूना देवी नामक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है।
जानकारी के मुताबिक, सुबह साढ़े दस बजे सहायक के पद पर कार्यरत नीलम सिन्हा ऑफिस पहुंचीं तो चतुर्थवर्गीय कर्मचारी रूना देवी उनकी कुर्सी पर बैठी मिलीं। नीलम ने इस पर आपत्ति जताई और दोनों के बीच बहस होने लगी। इसी बीच शंकराचार्य वहां पहुंचे और रूना देवी को कुर्सी से उठने के लिए कहा। इसके बाद दोनों के बीच बहस हुई और आपस में उलझ गए।
देर शाम नगर आयुक्त ने ऑफिस का वीडियो फुटेज देखने और तीनों कर्मचारियों से बात करने के बाद न केवल शंकराचार्य को निलंबित कर दिया, बल्कि आदमपुर थाने को भी कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया। पत्र में यह भी कहा गया है कि जो भी साक्ष्य उन्होंने देखा है, अगर पुलिस सीसीटीवी फुटेज लेना चाहे तो निगम उपलब्ध करा देगा। नगर आयुक्त ने कार्रवाई की पुष्टि भी की।
मेरी कोई गलती नहीं : शंकराचार्य
शंकराचार्य ने मारपीट के आरोप को गलत बताया है। उन्होंने बताया कि मैंने नगर आयुक्त को यह बात बताई कि वह सिर्फ रूना देवी को सहायक की कुर्सी से उठ जाने को कह रहे थे। इसी पर वह कॉलर पकड़कर मारने लगी। मैंने मारा नहीं है।