टीएमबीयू स्नातक पार्ट टू और लॉ की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को लेकर इस बार बुरी तरह फंस गया है। एक तरफ राजभवन ने अादेश दिया है कि परीक्षा की जो तिथि तय की जाए उसमें बदलाव नहीं चलेगा। दूसरी तरफ 24 सितंबर से होने वाली स्नातक पार्ट टू और 25 सितंबर से होने वाली लॉ की परीक्षाओं के लिए प्रिंटिंग प्रेस ने टीएमबीयू को शुक्रवार तक प्रश्नपत्र दिए ही नहीं।
पार्ट टू की परीक्षा में 48 हजार छात्र शामिल होंगे जबकि लॉ की परीक्षा करीब साढ़े तीन सौ छात्र देंगे। प्रश्नपत्र नहीं मिलने की स्थिति में विवि को इन परीक्षाओं की तिथि बदलनी पड़ेगी और इसके लिए राजभवन की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। विवि की स्थिति आगे कुआं पीछे खाई वाली हो गई है। ऐसे में विवि ने संबंधित प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई करने का निर्णय किया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामप्रवेश सिंह ने कहा कि अगर शनिवार को दोपहर 12 बजे तक उन्हें प्रश्नपत्र नहीं मिले तो प्रिंटिंग प्रेस पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
लॉ की 25 सितंबर से शुरू होने वाली परीक्षा पर भी आफत
शनिवार को प्रश्नपत्र मिले तब भी परेशानी
परीक्ष नियंत्रक ने बताया कि पार्ट टू की परीक्षा के लिए 37 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर केंद्र शहरी क्षेत्र से बाहर हैं। शनिवार को प्रिंटिंग प्रेस प्रश्नपत्र दे भी दे तो इन केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचाना आसान नहीं होगा। पार्ट टू की परीक्षा टालना आसान भी नहीं होगा क्योंकि इसके लिए राजभवन को जवाब देना पड़ेगा। इधर, जानकार बताते हैं कि अभी की स्थिति में या तो परीक्षा टालनी पड़ेगी या युद्ध स्तर पर प्रश्नपत्र परीक्षा केेंद्रो पर भेजने होंगे।
15 दिन पहले टीएमबीयू ने प्रेस को दिया था ऑर्डर
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस को करीब 15 दिन पहले प्रश्नपत्र छपाई का ऑर्डर दिया गया था। प्रेस के बारे में उन्हें ज्यादातर जानकारी नहीं है और उसके कर्मियों का कांटेक्ट नंबर भी उनके पास नहीं है। इसलिए वह प्रेस से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
कोलकाता की जगह पटना में छपाई
सूत्रों ने बताया कि पहले विवि प्रश्नपत्रों की छपाई कोलकाता के प्रेस में करवाता था। लेकिन इस वर्ष से पटना के एक प्रिंटिंग प्रेस को छपाई का ऑर्डर दिया जाने लगा है। इस प्रेस को ऑर्डर देना भी सवालों के घेरे में है। इससे पहले स्नातक पार्ट वन के गणित का पर्चा लीक हो गया था और इसकी जांच को बनाई गई कमेटी ने इस मामले में प्रेस की भूमिका संदिग्ध बताई थी। दूसरी तरफ जब बीएड के प्रश्नपत्र वायरल होने की अफवाह उड़ी थी तब खुद परीक्षा नियंत्रक ने कहा था कि इस प्रेस से छपकर मिलने वाले प्रश्नपत्र के पैकेट फटे रहते हैं।