श्रावणी मेले को राजकीय दर्जा देने की सरकार ने घोषणा कर दी। राजकीय दर्जा की मांग लंबे समय से की जा रही थी। राजकीय दर्जा मिलने से कांवरियों को पहले से बेहतर सुविधाएं मिलेगी। सुल्तानगंज और आसपास के क्षेत्र का विकास होगा।‘हिन्दुस्तान ने राजकीय दर्जा देने से संबंधित खबरेंजून में विस्तार से प्रकाशित की थी।

राजकीय मेला का दर्जा देने के लिए 2013 से ही प्रस्ताव भेजने की तैयारी प्रशासन कर रहा था। लेकिन जून 2018 में राजस्व विभाग को प्रस्ताव भेजा गया। प्रस्ताव में श्रावणी मेला को राजकीय मेला का दर्जा देने के पक्ष में मजबूत तर्क के साथ पौराणिक और ऐतिहासिक महत्ता की जानकारी दी गयी थी ।

राजकीय मेला का दर्जा मिल जाने से मेला का समग्र विकास होगा। जिससे देश-विदेश के अधिक श्रद्धालु / कांवरिया आकर्षित होंगे। उनका यहां आगमन होने से क्षेत्र के विकास के साथ राज्य का विकास होगा। मेला में पर्यटन की दृष्टिकोण से भी देश-विदेश के सैलानी का आगमन होगा। इससे मेला क्षेत्र का चहुमुंखी विकास होगा। महत्वपूर्ण प्रस्तावों में हरिद्वार में गंगा घाट पर बने संरचना की तर्ज पर सुल्तानगंज में अजगैबीनाथ मंदिर से बाइपास को जोड़ने का प्रस्ताव है।

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