राजस्व विभाग में इस साल के अंत तक लगभग 12 हजार पदों पर बहाली होगी। इनमें आठ से दस हजार तक अमीन, 1100 कानूनगो और 650 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी होंगे। डिप्लोमाधारी सिविल इंजीनियरों को अमीन, सिविल में ही डिप्लोमा की डिग्री और तीन से पांच साल के अनुभव वाले को कानूनगो और बीटेक उत्तीर्ण सिविल इंजीनियरों को सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में अनुबंध पर बहाल किया जाएगा।

इन पदों पर बहाली के साथ ही विभाग की अन्य योजनाओं की राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने गुरुवार को सर्वे प्रशिक्षण संस्थान, शास्त्रीनगर में समीक्षा की। मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार की प्राथमिकता भूमि विवाद को कम करना है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा है। ऑनलाइन दाखिल-खारिज का काम जारी है। भूमि विवाद कम करने के लिए अनुबंध पर बड़े पैमाने पर बहाली की जा रही है।

बहाली से सर्वेक्षण का काम निर्धारित समय पर किया जा सकेगा। इन पदों के अलावा विभाग में कनीय व सहायक अभियंता के पदों पर भी बहाली होगी। मंत्री ने कहा कि 15 अगस्त के पहले सूबे के सभी 534 प्रखंडों में ऑनलाइन म्युटेशन शुरू करने का लक्ष्य है। अभी जमाबंदी पंजी अपडेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन म्युटेशन में समस्या हो रही है। इसका समाधान जल्द हो जाएगा। सहरसा के शहरी अंचल में एक दिसम्बर 2017 से ऑनलाइन म्युटेशन शुरू है पर अब तक एक भी दाखिल-खारिज नहीं हुआ है। यह चिंता का विषय है।

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ऑपरेशन भूमि दखल दहानी की समीक्षा के दौरान पाया गया कि अभी 41 हजार दखल दिलाने का मामला बचा हुआ है। मंत्री ने अपर समाहर्ताओं को कहा कि वे सभी मामलों में अविलंब दखल दिलाएं। साथ ही नए मामले भी चिह्नित करें। अंचल अधिकारी व थाना प्रभारी की हर शनिवार को होने वाली बैठक में ऐसे मामलों को प्रमुखता से निबटाया जाए। अभियान बेसरा में वासभूमि के चयन का अधिकार रैयतों व भूमिहीनों को देने पर विचार हुआ।

31 जुलाई तक बन जाएगी नियमावली :

प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि 31 जुलाई तक बहाली की नियमावली बन जाएगी। अगस्त में विज्ञापन और दिसम्बर 2018 तक अनुबंध पर बहाली की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। चयनित कर्मियों को मार्च 2019 तक प्रशिक्षण दिलाकर सर्वे में लगा दिया जाएगा। 36 अंचलों में सर्वे का काम मार्च 2019 तक तो राज्य के सभी अंचलों में सर्वे का काम 2021-22 तक कर लिया जाएगा। बैठक में निदेशक जय सिंह व वीरेन्द्र कुमार मिश्र, विशेष सचिव प्रवीण कुमार झा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।